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पुराने तार और डगमगाते खंभों पर दौड़ा रहे बिजली

जागरण संवाददाता महोबा शहर में परमानंद चौक से लेकर ऊदल चौक तक का रास्ता सबसे व्यस्त रहत

By JagranEdited By: Updated: Mon, 11 Oct 2021 04:42 PM (IST)
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पुराने तार और डगमगाते खंभों पर दौड़ा रहे बिजली

जागरण संवाददाता, महोबा : शहर में परमानंद चौक से लेकर ऊदल चौक तक का रास्ता सबसे व्यस्त रहता है। यहां बीच सड़क पर लगे बिजली के खंभे सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। इन्हें बदलने के स्थान पर बिजली विभाग हादसे का इंतजार कर रहा है। बीच रोड पर कई जगह पुराने तार और केबल लटक रहे हैं। कई खंभे तो बीच से टेढ़े हो चुके हैं लेकिन उन्हें बदला नहीं जा सका। इसीकारण आए दिन फाल्ट आने पर लाइन ट्रिप भी हो जाती है। इस समय 24 घंटे में पांच से सात घंटे तक की कटौती हो रही है।

इस समय बिजली आपूर्ति शहर से लेकर गांव तक पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे के स्थान पर सात से आठ घंटे ही बिजली मिल पा रही है। शहर क्षेत्र में भी 24 घंटे के स्थान पर 15 से 17 घंटे तक ही सप्लाई हो रही है। महोबा शहर में बिजली आपूर्ति में सबसे बड़ी बाधा यहां के जर्जर तार और पुराने खंभे व ट्रांसफार्मर हैं। शाम होते ही कहीं न कहीं फाल्ट आने से पूरी आपूर्ति बाधित हो जाती है। शहर के मलकपुरा, ऊदल चौक, गांधी नगर, सुभाषनगर आदि इलाकों में पुराने तारों के सहारे ही बिजली सप्लाई हो ही है। जबकि एक साल पहले ही पुराने तारों को बदलने के आदेश थे। बिजली विभाग के अधिकारी इसके बाद भी न तो खंभे बदल रहे हैं और न ही तारों को नया लगाया जा रहा है। जहां फाल्ट होता है या खंभे टूट जाते हैं वहां जुगाड़ के सहारे सप्लाई चालू की जाती है। यही हाल ट्रांसफार्मरों का है। उन्हें कागज पर तो बदल दिया जाता है लेकिन असल में पुराने की मरम्मत करके फिर से उसी के सहारे सप्लाई दी जा रही है। सुभाष नगर के पवन, जमुना, देवेंद्र का कहना है कि बिजली विभाग से जब भी पुराने तारों को बदलने के लिए शिकायत की गई तो उसे में टुकड़ा जोड़ कर काम चला दिया जाता है। ऊदल चौक के व्यापारी विपिन का कहना है कि बीच रोड पर लगे खंभों को बदलने के लिए कई बार कहा गया लेकिन आज तक उन्हें बदला नहीं गया। कई बार लोग इनसे टकरा कर जख्मी हो जाते हैं।

कई स्थानों पर पुराने तारों को बदला गया है। नए खंभे भी लगाए गए हैं। इस समय लोड अधिक होने से ट्रिपिग हो रही है।

- अनूप कुमार, एसडीओ, बिजली विभाग