देशद्रोहियों में शामिल गौस मोहम्मद भाई नहीं हो सकता: यार मोहम्मद
एटीएस द्वारा दबोचे आतंकी गौस मोहम्मद को परिवार अपनाने के मना कर रहा है। उसके भाई यार मोहम्मद ने कहा कि देश द्रोही उनका भाई नहीं हो सकता है। ...और पढ़ें

महराजगंज (जेएनएन)। एटीएस की संयुक्त टीम द्वारा दबोचे गये स्लीपर माड्यूल के मास्टर माइंड गौस मोहम्मद खान को अब उसका परिवार भी अपनाने के मना कर रहा है। देश द्रोही की उपाधि देकर उसके सगे भाई ने उसे अपना भाई मानने से इंकार कर दिया है। गौस मोहम्मद के भाई यार मोहम्मद ने साफ किया कि देश द्रोह में शामिल होने वाला उनका भाई नहीं हो सकता है।
मास्टर माइंड गौस मोहम्मद महाजगंज कोतवाली क्षेत्र के पूरे नजर मजरे बरहुआ का ही मूल निवासी है। यहां पर बना उसका माकान तो खंडहर हो गया पर उसका एक छोटा भाई यार मोहम्मद अलग मकान में अपने परिवार के साथ रह रहा है। वह एक गुमटी में दरवाजे ही परचून की दुकान करके किसी तरह अपने परिवार का पेट पाल रहा है। यार मोहम्मद ने बताया कि गौस मोहम्म्द लगभग 10 वर्ष पहले अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के बाद वह गांव लौट कर नहीं आया । वह अपनी प्राथमिक स्तर की पढ़ाई गांव के बगल में स्थित पूरे बादल खां प्राथमिक विद्यालय में की थी। उसके बाद वह जूनियर हाईस्कूल महराजगंज में कक्षा आठ तक की पढ़ाई करके हरंचदपुर से हाई स्कूल व कक्षा 11 पास किया था। उसके बाद ही लगभग 18 वर्ष की उम्र में उसे एयर फोर्स में नौकरी करने चला गया । एयर मैन के पद पर भर्ती हुआ गौस मोहम्मद वर्ष 1993 में 15 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिर्वित हो गया था। उसके बाद वह कानपुर में जूते का कारोबार करने चला गया।
यार की गौस से बचपन से नहीं पटी
यार मोहम्मद ने बताया कि उसकी उसके भाई से बचपन से ही नहीं पटी । पिता के अतिंम संस्कार में आया तो पिता शेर मोहम्मद की कब्र में पैर से मिट्टी डाल रहा था। तभी उससे व उसके कुछ रिस्तेदारों से कहा सुनी भी हो गई थी। उसके बाद से वह घर नहीं आया। उसने बताया कि गौस मोहम्मद की शादी रायबरेली के तेलिया कोट में हुई लेकिन किसके घर पर हुई उसने यह बताने से साफ इंकार कर दिया। गौस मोहम्मद के दो बेटे फैजान व आदिल है। इसके अलावा दो बेटियां है जिसमें वह एक ही का नाम आलिमा बता पाया। यार मोहम्मद के खड़हर पड़े मकान पर बड़े बड़े बबूल व कीकड़ के पेड़ खड़े है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।