Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सोहगीबरवा के बाघों का पुनर्वास, मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने की कवायद शुरू

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 08:20 AM (IST)

    सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के तीन बाघ बफर जोन में चले गए हैं, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ रहा है। भोजन की कमी के कारण बाघ गन्ने के खेतों में जा रहे ह ...और पढ़ें

    Hero Image

    शिवपुर का घना जंगल छोड़कर कुशीनगर के खड्डा रेंज में चले गए हैं बाघ। जागरण (फाइल फोटो)

    विश्वदीपक त्रिपाठी, महराजगंज। सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग में बीते 25 अप्रैल व आठ मई को छोड़े गए तीन बाघ जंगल के कोर जोन (मुख्य क्षेत्र) को छोड़ बफर जोन (मुख्य जंगल व मानव प्रभावित क्षेत्र के बीच का हिस्सा) में चले गए हैं। पीलीभीत टाइगर रिजर्व से लाए गए बाघों ने जंगल में भोजन की कमी के चलते आबादी से सटे गन्ने के खेत में अपना ठिकाना बना लिया है। जिससे वह गांव में जा पालतू जानवरों का शिकार कर रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से भी बाघ यहां चले आते हैं। आए दिन सोहगीबरवा क्षेत्र में मानव- वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं हाे रहीं हैं। केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्रालय की पहल के बाद इन बाघों को पुन: जंगल में ले जाने की योजना बनाई गई है। जंगल में तीन चरण में सर्वे करा बाघों के लिए उपलब्ध भोजन का विवरण एकत्र किया जाएगा। राष्ट्रीय बाघ सरंक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के निर्देशन में शुरू हो रहे सर्वे के लिए सुहेलवा वन्य जीव प्रभाव में सोहगीबरवा के पांच वन कर्मियों का प्रशिक्षण कराया गया है।

    सर्वे का पहला चरण 10 दिसंबर से शुरू होगा। इसमें वनकर्मी जंगल के किनारे बाघ के शिकार के लिए उपयुक्त सांभर, चीतल, खरगोश, सुअर भैंसे आदि की गणना करेंगे। दूसरे चरण में शिवपुर, निचलौल, मधवलिया, उत्तरी चौक, दक्षिणी चौक, लक्ष्मीपुर व पकड़ी रेंज में सेटेलाइट से निर्धारित 38 लाइनों पर वन्य जीवों का पता लगाया जाएगा। गणना के लिए वनकर्मियों के मोबाइल में एक एप डाउनलोड किया गया है। उसी पर सभी विवरण दर्ज किए जाएंगे।

    यह भी पढ़ें- यूपी में SIR को लेकर CM योगी ने की बैठक, अधिकारियों से बोले- छूटने न पाए कोई पात्र मतदाता, अपात्रों को करें बाहर


    बाघों को आकर्षित करने के लिए कोर जोन में छोड़े जाएंगे वन्य जीव:
    सर्वे के बाद बाघों के शिकार के लिए उपयुक्त वन्य जीवों को कोर जोन में छोड़ा जाएगा। जिससे बाघ धीरे-धीरे आकर्षित होकर जंगल के बीच में आ सकेंगे। वनकर्मी एक दिन में पांच किमी की दूरी तय कर सर्वे करेंगे। जंगल में इस बात की सतत निगरानी भी होगी बाघों को पर्याप्त भोजन मिल सके। ट्रैपिंग कैमरे में भी इनकी गतिविधि दर्ज की जाएगी।

    किशोरी को 25 मीटर खींच ले गया था बाघ:
    बीते 16 अगस्त को सोहगीबरवा गांव निवासी ममता अपनी सहेलियों के साथ सीमा से सटे कुशीनगर के बसंतपुर मरचहवा में पशुओं के लिए चारा काटने गई थी। इस दौरान गन्ने के खेत में बैठा बाघ झपट्टा मार ममता को 25 मीटर दूर खींच ले गया। सहेलियों का शोर सुन जब ग्रामीण आए तो वह ममता के सिर से मांस नोंच भाग गया। बाघ आए दिन महराजगंज व कुशीनगर के गांवों में घुस कर जानवरों का शिकार कर रहे हैं। बाघों को जंगल में ले जाने के लिए ग्रामीणों ने बीते दिनों शिवपुर रेंज कार्यालय पर प्रदर्शन किया था।


    सर्वे के दौरान बाघों द्वारा शिकार किए जाने वाले वन्य जीवों की गणना होगी। कोर जान में सांभर, चीतल, खरगोश, सुअर को छोड़ बाघों को जंगल की तरफ आने के लिए आकर्षित किया जाएगा। इस बात की सतत निगरानी होगी कि घने जंगल में उन्हें पर्याप्त भोजन मिलता रहे।

    -

    -निरंजन सुर्वे, प्रभागीय वनाधिकारी,सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग