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    सहजता-सर्वस्वीकार्यता से अजातशत्रु बनकर खिले 'पंकज', सात बार जीता लोकसभा चुनाव

    By Vishwa Deepak TripathiEdited By: Vivek Shukla
    Updated: Sun, 14 Dec 2025 11:46 AM (IST)

    महराजगंज में पंकज त्रिपाठी सभासद से लेकर केंद्रीय मंत्री तक अजातशत्रु रहे। उन्होंने सहज स्वभाव और मदद करने की भावना से सर्वमान्य नेता के रूप में पहचान ...और पढ़ें

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    लखनऊ एयरपोर्ट पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री का स्वागत करते सदर विधायक जय मंगल कन्नौजिया व भाजपा कार्यकर्ता सौ. स्वयं

    विश्वदीपक त्रिपाठी, महराजगंज। सभासद से लेकर सांसद और केंद्रीय मंत्री बनने तक भाजपा के पंकज महराजगंज में अजातशत्रु बनकर रहे हैं। सबकी बातों को सहजता से सुनना और यथासंभव मदद करने के स्वभाव ने उन्हें सर्वमान्य नेता के रूप में स्थापित किया। अपने इसी व्यवहार ने उन्होंने बाहुबलियों तक को परास्त किया।

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    पंकज की सर्वस्वीकार्यता का प्रमाण लोकसभा चुनाव में सात बार विजयी होना है। यही नहीं जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भी उनका कब्जा स्थापना काल से लेकर आज तक बरकरार है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए नामांकन करने वाले पंकज चौधरी के साढ़े तीन दशक लंबे सियासी सफर में राजनीतिक विरोध छोड़ दें तो इनके व्यक्तिगत विरोधी शायद ही किसी दल में मिलें।

    इसी के चलते समर्थक इन्हें महराजगंज का अजातशत्रु भी कहते हैं। पहली बार 1989 में गोरखपुर नगर निगम में सभासद व उपसभापति बनने के साथ ही भाजपा ने उन्हें आगे बढ़ाने का निर्णय ले लिया था। अटल-आडवाणी के प्रिय रहे पंकज चौधरी हमेशा पार्टी के अनुशासन में बंधे रहे। इसी का नतीजा रहा कि 1991 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा ने महराजगंज से टिकट देकर मैदान में उतार दिया।

    करीब नौ प्रतिशत कुर्मी, पटेल व सैंथवार बिरादरी वाले इस जिले का जातिगत समीकरण पंकज के पक्ष में ऐसा बैठा कि पंकज की जीत के साथ जिले में पहली बार भाजपा का खाता खुला। इस जीत के साथ जिले की राजनीति के केंद्र में आए पंकज का धीरे धीरे कद बढ़ता गया। पार्टी को बूथ स्तर तक ले जाकर मजबूत संगठन खड़ा कर उन्होंने यहां की सियासत में अन्य दलों का प्रभाव कम कर दिया।

    वर्ष 1999 व 2009 को अपवाद मान लें तो 1991 से लेकर 2024 तक पंकज चौधरी लगातार महराजगंज से सांसद बनते रहे। इस दौरान उन्होंने वीरेंद्र प्रताप शाही और हरिशंकर तिवारी जैसे बाहुबलियों को भी शिकस्त दी। पंकज ने अपने लंबे राजनीतिक सफर में कभी पार्टी लाइन से हटकर बात नहीं की। शीर्ष नेतृत्व ने जो दायित्व दिया, पूरी क्षमता के साथ निभाया।

    यह भी पढ़ें- Pankaj Chaudhary: UP BJP चीफ बनने से पहले का इतिहास, पंकज चौधरी ने दो बाहुबलियों को कैसे चटाई थी धूल?

    जिला पंचायत पर भी बरकरार है कब्जा

    महराजगंज लोकसभा के साथ ही जिला पंचायत पर भी पंकज चौधरी का कब्जा स्थापना काल से बरकरार है। भाजपा ही नहीं प्रदेश में सपा व बसपा सरकार के दौरान भी उन्हें कोई डिगा नहीं सका। महराजगंज जिला पंचायत के अस्तित्व में आते ही पंकज चौधरी के बड़े भाई स्वर्गीय प्रदीप चौधरी प्रथम जिला पंचायत अध्यक्ष बने। उसके बाद लगातार दो बार पंकज चौधरी की माता उज्ज्वल चौधरी जिला पंचायत की अध्यक्ष रहीं।

    आरक्षण में यदि सीट दूसरी जाति के कोटे में भी गई तो अध्यक्ष वही बना जिसके सिर पर पंकज चौधरी का हाथ रहा। पंकज चौधरी ने अपनी बहन साधना चौधरी को पड़ोसी जिला सिद्धार्थनगर से भी जिला पंचायत का अध्यक्ष बनवाया।