भैरहवा के नेपाल में एयरलाइंस के प्रशिक्षु पायलटों ने किया उड़ान का अभ्यास, इस वजह से चुनी गई यह जगह
नेपाल वायुसेवा निगम ने भैरहवा में एयर बस A-320 विमान के दो नए पायलटों को वास्तविक उड़ान का प्रशिक्षण दिया। काठमांडू में अधिक विमानों के कारण भैरहवा को चुना गया। प्रशिक्षु पायलटों ने टेकऑफ, क्लाइंब और लैंडिंग का अभ्यास किया। यह प्रशिक्षण नेपाल में पायलट तैयार करने की प्रक्रिया का हिस्सा है, जिससे अब विदेश जाने की आवश्यकता नहीं है।

खाली एयरबस विमान से टेकऑफ, क्लाइंब और लैंडिंग का व्यावहारिक प्रशिक्षण
संवाद सूत्र, सोनौली। नेपाल वायुसेवा निगम ने एयर बस A-320 विमान के दो नवप्रवेशी पायलटों को भैरहवा स्थित गौतम बुद्ध अंतरराष्ट्रीय विमान स्थल पर वास्तविक उड़ान (बेस ट्रेनिंग) का अभ्यास कराया है। यह प्रशिक्षण निगम के प्रशिक्षक पायलट दीपुराज जुहारचन के नेतृत्व में दिया गया।
प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षु पायलट सुजन पुरी और अकुल अर्याल ने भैरहवा के खुले आकाश में टेकऑफ, क्लाइंब और लैंडिंग का अभ्यास किया। काठमांडू एयरपोर्ट पर विमान गतिविधियों की अधिकता और आसपास के पहाड़ी भूभाग के कारण इस तरह की व्यावहारिक उड़ान प्रशिक्षण के लिए भैरहवा को उपयुक्त स्थान माना गया। प्रशिक्षक जुहारचन के अनुसार, प्रशिक्षण के दौरान विमान को भैरहवा से उड़ाकर 1500 फीट की ऊंचाई तक ले जाया गया और फिर सुरक्षित लैंडिंग कराई गई।
यह प्रशिक्षण नेपाल में पायलट तैयार करने की प्रक्रिया का हिस्सा है। प्रशिक्षु पायलटों को दो महीने का अनिवार्य सिम्युलेटर प्रशिक्षण देने के बाद ही उन्हें बेस ट्रेनिंग में वास्तविक विमान उड़ाने का अवसर दिया जाता है। यह दूसरा मौका है जब निगम ने भैरहवा में ऐसे जेट विमान प्रशिक्षण का आयोजन किया है।
इससे पहले 2022 में दो अन्य पायलट महेशराज पांडेय और कौशल थपलिया को इसी तरह का प्रशिक्षण दिया गया था। बेस ट्रेनिंग के दौरान प्रशिक्षक पायलट, नवपायलटों को बारी-बारी से कॉकपिट में बैठाकर टेकऑफ, क्लाइंब और लैंडिंग की प्रक्रिया का संचालन कराते हैं। प्रशिक्षण के बाद उनकी प्रगति रिपोर्ट नागरिक उड्डयन प्राधिकरण को सौंपी जाती है।
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उसके बाद ही उन्हें व्यावसायिक उड़ानों के लिए को-पायलट के रूप में अनुमति दी जाती है। निगम के अनुसार एक घंटे के बेस प्रशिक्षण पर लगभग 50 लाख नेपाली रुपये का खर्च आता है।
यह प्रशिक्षण पूर्ण रूप से सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए किया जाता है। भैरहवा और पोखरा जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के नए हवाई अड्डों के निर्माण के बाद अब ऐसे उन्नत प्रशिक्षण नेपाल में ही संभव हो पाए हैं, जो पहले विदेशों में कराए जाते थे।
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