Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मातृ वंदना की धनराशि के लिए भटक रही 2960 महिलाएं, कहीं फार्म भरने में लापरवाही तो कहीं जन्म प्रमाण पत्र बनी बाधा

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 02:12 PM (IST)

    जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का हाल ठीक नहीं है। 2960 महिलाओं के खाते में अभी तक धनराशि नहीं पहुंची है, जिससे वे सीएचसी, पीएचसी और आंगनबाड़ी ...और पढ़ें

    Hero Image

    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, महराजगंज। गर्भवती महिलाओं और बच्चे के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का हाल जिले में ठीक नहीं है। आलम यह है कि 2960 महिलाओं के खाते में अभी भी धनराशि नहीं पहुंच सकी है। इस धनराशि के लिए महिलाएं सीएचसी, पीएचसी और आंगनबाड़ी केंद्र का चक्कर लगा रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के माध्यम से संचालित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत वे महिलाएं, जो पहली बार गर्भधारण करतीं हैं, उन्हें पांच हजार रुपये सरकारी मदद दी जाती है। गर्भवती होने पर पंजीकरण कराने के बाद पहली किस्त के रूप में तीन हजार रुपये दिए जाते हैं।

    इसके बाद बच्चे के जन्म होने और पेंटा का टीका लगने के बाद दो हजार रुपये देने का प्रविधान है। इसके अलावा जिन गर्भवती महिला की दूसरी संतान बेटी होती है, उन्हें छह हजार रुपये दी जाती है। इस पंजीकरण कार्य के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बावजूद इनके अपने जिम्मेदारी का सही निर्वहन नहीं करने के कारण कई गर्भवती महिलाएं योजना से वंचित हो रहीं है और लाभ लेने के लिए परेशान हो रहीं है।

    जिले में कुल 12770 गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण कराया गया है, जिसमें से 9810 महिलाओं को योजनाओं से लाभान्वित किया गया। इसमें प्रथम बार गर्भवती होने वाली 6532 महिलाओं को कुल एक करोड़ पंचानबे लाख तिरानबे हजार रुपये खाते में भेजे गए। जबकि दूसरी किस्त 4992 महिलाओं को निन्नाबे लाख चौरासी हजार रुपये भेजे गए।

    इसी प्रकार दूसरी संतान बेटी होने पर 3279 महिलाओं को एक करोड़ छानबे लाख चौहत्तर हजार रुपये उपलब्ध कराए गए। हालांकि अभी भी कुल 2960 धनराशि के लिए सीएचसी, पीएचसी से लेकर ग्राम पंचायत सचिव का चक्कर लगा रहीं हैं। इसमें सबसे बड़ा अवरोध बच्चों का समय से जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पाना है।

    ग्रामीण क्षेत्र में यह समस्या अधिक है। जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को योजना का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। इसकी नियमित समीक्षा भी की जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अथवा लाभार्थी भी स्वयं पंजीकरण करा सकते हैं। अगर कहीं शिकायत आ रही है। उसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

    यह भी पढ़ें- Smart Meter के साथ नहीं मिल रहा आरमर्ड केबिल, उपभोक्ता हो रहे परेशान

    केस एक

    फरेंदा विकास खंड के पकड़डिहा निवासी ममता गौड़ ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनकटी पर जांच कराती थी। इसके लिए आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से बात की थी, लेकिन उन्होंने फार्म नहीं भरवाया। तभी से योजना का लाभ पाने के लिए परेशान हूं। अब करीब 25 दिन पूर्व पहली संतान बेटी हुई है।

    केस दो

    लक्ष्मीपुर विकास खंड के लालपुर कल्याणपुर निवासी सीमा ने बताया कि एक माह पूर्व बेटी का जन्म हुआ है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से फार्म भरने के लिए कहा था। बावजूद अभी तक फार्म नहीं भरा जा सका। जबकि अस्पताल में उपचार और टीकाकरण के सभी साक्ष्य हैं।

    केस तीन

    लक्ष्मीपुर विकास खंड के जमुहनिया की आसमा ने बताया कि पंजीकरण के तीन माह हो गए। बावजूद अभी तक प्रथम किस्त नहीं मिली है। इसी प्रकार रेहरवा की सीमा मौर्या ने बताया कि पंजीकरण के पांच माह गुजर गए, लेकिन अभी तक एक भी किस्त नहीं मिला है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सिर्फ आश्वासन देतीं हैं।