जेल से रिहा होते ही इरफान सोलंकी ने पत्नी को लगाया गले, भावुक होकर कहा- न्याय की हुई जीत
इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को महाराजगंज जेल से रिहा किया गया। 33 महीने बाद जेल से बाहर आने पर समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। सोलंकी ने इसे न्याय की जीत बताया। उनकी पत्नी और सपा कार्यकर्ताओं सहित परिवार के सदस्य सुबह से ही जेल के बाहर मौजूद थे।

जागरण संवाददाता, महराजगंज। इलाहाबाद हाईकोर्ट से गैंग्सटर एक्ट के मामले में जमानत मिलने के बाद कानपुर के सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को मंगलवार की शाम लगभग 6:15 बजे महराजगंज जेल से रिहा कर दिया गया। वे पिछले 33 महीनों से जेल में बंद थे।
उनकी रिहाई को लेकर जेल परिसर में पूरे दिन हलचल बनी रही। जैसे ही पूर्व विधायक जेल के गेट से बाहर आए, उनके समर्थकों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। इरफान ने समर्थकों का अभिवादन स्वीकार करते हुए कहा कि यह न्याय की जीत है। हमें अल्लाह पर भरोसा था, भरोसा है और भरोसा रहेगा।
इसके बाद वे अपने परिवार के साथ कानपुर के लिए रवाना हो गए। रिहाई के समय बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता भी वहां मौजूद थे। इरफान सोलंकी की पत्नी और सीसामऊ से विधायक नसीम सोलंकी सहित अन्य स्वजन हाईकोर्ट से रिहाई का आदेश लेकर सुबह ही महराजगंज पहुंच गए थे। उनके आने की सूचना मिलते ही सपा कार्यकर्ता भी वहां जुटने लगे।
शाम को जैसे ही इरफान की जेल से रिहाई की सूचना मिली, उनकी मां, पत्नी, बेटी और अन्य स्वजन गेट के पास पहुंच गए। स्वजन से मिलकर पूर्व विधायक भावुक हो गए और सभी का गले लगाकर अभिवादन किया।
समर्थकों ने इरफान सोलंकी जिंदाबाद, जेल के ताले टूट गए, इरफान सोलंकी छूट गए जैसे नारे लगाए। पुलिस कर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद उन्हें वाहन तक पहुंचाया, जहां उन्होंने कार के सनरूफ से निकलकर सभी का अभिवादन किया।
जिला जेल के अधीक्षक वीके गौतम ने बताया कि इरफान सोलंकी की रिहाई से संबंधित सभी आवश्यक प्रपत्र आनलाइन प्राप्त हुए थे। सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद उन्हें मंगलवार की शाम रिहा किया गया।
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दिसंबर 2022 से महराजगंज जेल में बंद थे इरफान सोलंकी
22 दिसंबर 2022 को इरफान सोलंकी को कानपुर जेल से प्रशासनिक आधार पर महराजगंज जिला जेल में स्थानांतरित किया गया था। उन पर जमीन कब्जाने, महिला का मकान जलाने, रंगदारी मांगने और फर्जी दस्तावेज पर बांग्लादेशी नागरिक को भारतीय पहचान दिलाने जैसे गंभीर आरोप लगे थे।
उन्हें कानपुर के जाजमऊ थाने में गैंग्सटर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे को छोड़कर अन्य सभी मामलों में जमानत मिल गई थी। इस मामले में इरफान के अलावा उनके भाई रिजवान सोलंकी और इजराइल आटे वाला को भी नामजद किया गया था।
हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक सहित तीन आरोपितों की जमानत अर्जी पर सुनवाई की और बहस पूरी होने के बाद 2 सितंबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था। 25 सितंबर को हाईकोर्ट ने तीनों आरोपितों को जमानत दे दी, जिससे उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया।
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