भारत-नेपाल बॉर्डर पर पूरे साल दिखी सतर्कता, महराजगंज के सोनौली सीमा पर अब तक 8 तो सिद्धार्थनगर में भी धराए कई विदेशी
भारत-नेपाल सीमा पर वर्ष भर सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी सतर्कता रही, जिससे महराजगंज और सिद्धार्थनगर जिलों में अवैध प्रवेश, फर्जी दस्तावेज व सीमा पार अपरा ...और पढ़ें

जागरण टीम, महराजगंज/सिद्धार्थनगर। भारत-नेपाल सीमा पर वर्ष भर सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता हर स्तर पर दिखाई दी। यह चौकसी महराजगंज और सिद्धार्थनगर जिले से सटे 152 किमी. खुली सीमा तक लगातार बनी रही। इस पूरे क्षेत्र में भारत से नेपाल प्रवेश के मुख्य मार्ग सोनौली, ठूठीबारी, बढ़नी, खुनुवा, ककरहवा सहित सीमा पर स्थित पगड्डियों पर सुरक्षा बल मुस्तैद रहे। अवैध प्रवेश, फर्जी दस्तावेज, सीमा पार अपराध और फरार बंदियों जैसे मामलों में समय रहते की गई कार्रवाई ने किसी भी बड़ी घटना को टाल दिया। यही कारण है कि महराजगंज जिले के सोनौली सीमा पर एक वर्ष में आठ तथा सिद्धार्थनगर में भी कई विदेशी पकड़े गए।
21 दिसंबर 2025 को सोनौली चेकपोस्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों और एसएसबी ने 52 वर्षीय श्रीलंकाई नागरिक केनेडी राजेन्द्रम को पकड़ा। वह बिना वैध इमिग्रेशन स्टैंप के नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश कर रहा था। वहीं अगस्त 2025 में 62 वर्षीय चीनी नागरिक झांग योंग को भी सोनौली सीमा के पास बिना वीजा के भारत में प्रवेश का प्रयास करते हुए पकड़ा गया था। नवंबर 2025 में इमिग्रेशन अधिकारियों ने सोनौली सीमा पर एक उज्बेकिस्तान की महिला उमिदा जुरैवा को हिरासत में लिया, जो बिना भारतीय वीजा के नेपाल से भारत में प्रवेश कर रही थी।
इससे पहले अप्रैल 2025 में भी एक अन्य उज्बेकिस्तान महिला को अवैध प्रवेश के प्रयास में पकड़ा गया था। 22 अप्रैल 2025 को निचलौल थाना क्षेत्र के भारत-नेपाल सीमा से एक बांग्लादेशी नागरिक प्रदीप कुमार राय को एसएसबी और पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया था। इसके अलावा जनवरी में चीनी नागरिक पेंग मीन्हू, मार्च में बांग्लादेशी सैफुल इस्लाम और नीदरलैंड निवासी पल्स जांस पकड़े जा चुके हैं।
सिद्धार्थनगर जिले के थाना शोहरतगढ़ पुलिस और सशस्त्र सीमा बल की संयुक्त टीम ने पांच अप्रैल को खुनुवा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बड़ी कार्रवाई की। यहां थाईलैंड की एक महिला नागरिक को उसके दो सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया गया। महिला बिना वीजा फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में प्रवेश की कोशिश कर रही थी। वह पोखरा से दिल्ली जा रही बस में सवार थी। जांच में उसके पास थाईलैंड का पासपोर्ट मिला, लेकिन भारत का वीजा नहीं था। उसने फर्जी आधार कार्ड बनवाया था।
इस मामले में सिपाही अल्ताफ और बस चालक होम बहादुर थापा की संलिप्तता भी सामने आई। 11 सितंबर को जेन जी आंदोलन के दौरान नेपाल के तौलिहवा जेल से फरार हुए नौ बंदियों को सुरक्षा एजेंसियों ने बढ़नी और खुनुवा सीमा से पकड़ लिया। बढ़नी एसएसबी चेक पोस्ट पर 28 दिसंबर को एक उजबेकिस्तानी महिला को अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। जांच में सामने आया कि वह नेपाल के 15 दिन के वीजा पर आई थी, जिसकी वैधता दो माह पूर्व समाप्त हो चुकी थी।
सीमा पर किसी भी तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए पुलिस पूरी तरह कटिबद्ध है। सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्कता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं। सीमावर्ती इलाकों में लगातार निगरानी, गश्त और जांच अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था मजबूत बनी हुई है।- सोमेन्द्र मीना, पुलिस अधीक्षक, महराजगंज
भारत–नेपाल सीमा अत्यंत संवेदनशील है। बढ़नी से हरिबंशपुर तक सभी मुख्य मार्गों और पगडंडियों पर सतत निगरानी रखी जा रही है। अवैध घुसपैठ, फर्जी दस्तावेज और सीमा पार अपराध पर किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरती जाएगी।- डॉ. अभिषेक महाजन, पुलिस अधीक्षक, सिद्धार्थनगर

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।