Maharajganj News: मौत के कुआं में करतब दिखाते समय गिरा सवार, चलती रही Bike; वीडियो हुआ वायरल
निचलौल के पंचमुखी शिवमंदिर इटहिया में श्रावणी मेले में मौत के कुएं में बाइक चलाने वाला चालक इंद्र सिंह गिर गया। बाइक चलाते समय हाथ छूटने से वह नीचे गिर गया और उसके सिर में चोट लग गई। प्राथमिक उपचार के बाद उसकी हालत स्थिर है। बाइक चार मिनट तक मौत के कुएं में घूमती रही जिससे दर्शक डर गए।

जागरण संवाददाता, महराजगंज। जिले के ईटहिया शिवमंदिर में लगे मेले में चल रहे मौत के कुएं का खेल सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण हादसे का सबब बना है। बीते मंगलवार को पंचमुखी शिवमंदिर ईटहिया में श्रावणी मेले में लगे मौत के कुआं में बाइक चलाकर करतब दिखाने वाला युवक अचानक गिर गया। जबकि बाइक रिंग में चार से पांच मिनट तक दौड़ती रही। यह देख लोग डर गए और अफरा-तफरी मच गई। घटना के दो दिन बाद गुरुवार की शाम मौत के कुएं खेल पर प्रशासन ने रोक लगा दी।
ठूठीबारी थाना क्षेत्र के पंचमुखी शिवमंदिर ईटहिया में 11 जुलाई से श्रावणी मेला चल रहा है। यहां कुशीनगर निवासी अवनेंद्र उर्फ टेनी की तरफ से मेला लगाया गया है। इसमें मौत का कुंआ सहित कई प्रकार के झूले हैं। जिसका प्रत्येक दिन बच्चे और बड़े आनंद लेते हैं।
मंगलवार की दोपहर करीब 12 बजे मौत के कुआं का दर्शक आनंद ले रहे थे। संतकबीरनगर जिले के संतकबीरनगर थाना अंतर्गत सिरमौली निवासी इंद्रसिंह मौत के कुआं में बाइक चलाकर करतब दिखा रहे थे। इसी दौरान अचानक उनका हाथ छूट गया, जिससे वह नीचे गिर गए। नीचे गिरने से उनके सिर पर चोट लग गई। जिसके बाद प्राथमिक उपचार के बाद उनकी हालत ठीक है।
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— Vivek Shukla (@VivekshuklaLive) August 1, 2025
वहीं बाइक हाथ से छूटने के कारण बाइक पांच मिनट तक मौत के कुएं में घूमती रही। घटना की जानकारी होने पर प्रशासन की तरफ से केवल औपचारिकता ही पूरी की जाती रही। इसके बाद भी मौत का कुआं गुरुवार तक चलता रहा।
उप जिलाधिकारी निचलौल नंद प्रकाश मौर्य ने बताया कि मौत के कुआं में करतब दिखाते समय चालक गिर गया था। अब वह स्वस्थ है, लेकिन खतरों को देखते हुए गुरुवार की शाम से मौत के कुआं का संचालन बंद करा दिया गया है। अगर इसका संचालन होता पाया गया तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई जाएगी।
भीड़ को नियंत्रित करने का इंतजाम नहीं:
मौत के कुआं के पास भीड़ को नियंत्रित करने का कोई इंतजाम नहीं था। दोनों तलों में दर्शकों के लिए लगाई गई जाली भी कमजोर है। मेला लगने के बाद इसके सुरक्षा मानकों को भी नहीं परखा गया है। जिससे खतरा बना है।
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