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    छींटाकशी से परेशान अब्दुल ने पिता के साथ मिलकर की थी हिमांशु की हत्या, नहर में छिपा दिया था शव

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 12:35 PM (IST)

    महराजगंज में 24 अगस्त को लापता हुए हिमांशु का शव नहर में मिला। छींटाकशी से तंग आकर अब्दुल ने अपने पिता और सहयोगी के साथ मिलकर उसकी हत्या की थी। पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है जिन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिए हैं। आरोपियों के खिलाफ अपहरण और हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

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    सदर कोतवाली में हत्यारोपितों के साथ पुलिस टीम। जागरण

    जागरण संवाददाता, महराजगंज। छींटाकशी से आजिज अब्दुल ने अपने पिता और सहयोगी के साथ मिलकर चिउरहा निवासी हिमांशु की हत्या की थी। इसके बाद शव को दुबौली नहर में फेंक दिया था। कोतवाली पुलिस ने मामले में तीनों आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया है।

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    पुलिस ने आरोपितों को न्यायालय में प्रस्तुत किया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया। सदर कोतवाली थाना क्षेत्र के चिउरहा निवासी गणेश चौधरी का बेटा हिमांशु चौधरी 24 अगस्त की सायं गोशाला के पास से गायब हो गया था। स्वजन उसे खोजने में जुट गए थे। पुलिस अपहरण का मुकदमा दर्ज कर तलाश में जुटी थी।

    गुरुवार की सायं हिमांशु का शव घर से कुछ दूरी पर दुबौली नहर में मिला। उसके सिर पर चोट के निशान थे। आंख भी निकाली गई थी। पुलिस ने पहले से दर्ज अपहरण की धारा बढ़ाते हुए आरोपितों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

    इसके बाद पुलिस टीम ने अब्दुल रहमान, पिता हसमत अली और सहयोगी सैफ को चिउरहा से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि गांव वाले हिमांशु को लेकर अब्दुल रहमान पर छींटाकशी करते थे और चिढ़ाते थे। जिससे अब्दुल रहमान आजिज आकर अपने पिता हसमत अली व एक अन्य साथी सैफ अहमद के साथ मिलकर हिमांशु की हत्या कर शव को नहर मे छिपा दिया था।

    यह भी पढ़ें- Maharajganj Murder Case: सिर पर प्रहार कर की गई थी हिमांशु की हत्या, हैवानों ने निकाल ली आंख

    पुलिस अधीक्षक सोमेन्द्र मीना ने बताया कि आरोपितों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त डंडा, मोटरसाइकिल और मोबाइल बरामद किया गया है। न्यायालय ने सभी आरोपितों को जेल भेज दिया है। आरोपितों पर पहले से दर्ज अपहरण के मुकदमे में हत्या की धारा बढ़ाए जाने के बाद अब एससी, एसटी का भी मुकदमा दर्ज किया गया है। इसकी जांच सीओ सदर जयप्रकाश त्रिपाठी को सौंपी गई है।