गाजा पर कैंडिल मार्च करने वाले बांग्लादेश की घटना पर मौन क्यों: योगी
लखनऊ में, सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गाजा पर मार्च करने वाले दल ब ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बुधवार को विधान सभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में हिन्दुओं की हत्या पर विपक्ष को घेरा। कहा कि बांग्लादेश में एक दलित हिंदू युवक की हत्या हो गई, लेकिन विपक्ष चुप्पी साधे हुए है।
गाजा जैसे मुद्दों पर प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकालने वाले दल बांग्लादेश या पाकिस्तान में हिंदुओं और सिखों पर अत्याचार पर मौन धारण कर लेते हैं। योगी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यूपी में बांग्लादेशी, रोहिंग्या के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। मैं यहां भजन कीर्तन करने नहीं आया हूं, उसके लिए मठ है।
मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों से कहा कि बांग्लादेश में नौजवान के मरने पर आपकी जुबान सिल जाती है। आप दलित समाज को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। यह वह सच्चाई है, जो आपकी तुष्टिकरण की नीति को दर्शाती है, जिसके कारण बांग्लादेश बना है। यदि बांग्लादेश और पाकिस्तान नहीं बना होता तो इस तरीके से हिंदू नहीं जलाया जाता।
बांग्लादेश की घटना को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित होना चाहिए और यह प्रस्ताव नेता विरोधी दल की तरफ से आना चाहिए। प्रदेश से बांग्लादेशियों और रोहिंग्या को यहां से बाहर का रास्ता दिखाएंगे तो उनके समर्थन में आप लोग मत आना क्योंकि उनमें से बहुत सारे लोगों के वोट आपने बनवाए हैं। बहुत बड़ी कार्रवाई करेंगे। हमारे ही देश में रहकर हमारे लोगों के खिलाफ अपराध और वहां पर निर्दोष हिंदुओं पर अत्याचार, यह स्वीकार्य नहीं हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में अराजकता, अव्यवस्था और पहचान के संकट की जो स्थिति बनी थी, उसके लिए कौन उत्तरदाई था यह जनता जानती है। आपने यह स्वीकार किया है कि अपराधियों और माफियाओं के प्रति सरकार की नीति स्पष्ट और कठोर होनी चाहिए और यह हमारी सरकार ने करके भी दिखाया है। कानून का राज हो, हर व्यक्ति, हर बेटी, हर व्यापारी स्वयं को सुरक्षित महसूस करे यह सरकार की पहली प्राथमिकता है। वर्ष 2017 के बाद उत्तर प्रदेश की छवि में जो बदलाव आया है, वह देश और दुनिया के सामने है।
मुख्यमंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार पर चर्चा करते हुए कहा कि पिछले पौने नौ वर्षों में प्रदेश में विकास की रफ्तार, पहचान और सम्मान तीनों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। आज प्रदेश देश और दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है। वर्ष 2017 से पहले सड़कों पर गड्ढे, मेट्रो के नाम पर मजाक, रेलवे नेटवर्क में केंद्र और राज्य के बीच समन्वय की कमी थी। तब प्रदेश की पहचान एक पिछड़े राज्य की थी। आज प्रदेश में 22 एक्सप्रेस-वे हैं।
देश के कुल एक्सप्रेस-वे में से लगभग 60 प्रतिशत हिस्सेदारी अकेले यूपी की है। सबसे अधिक मेट्रो शहर यूपी में हैं। वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में एयरपोर्ट की संख्या सिर्फ चार थी, दो पूरी तरह संचालित थे जबकि दो आंशिक रूप से संचालित थे। आज 16 एयरपोर्ट संचालित हो रहे हैं, जिनमें चार इंटरनेशनल एयरपोर्ट शामिल हैं।
पांचवां इंटरनेशनल एयरपोर्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) अगले महीने से संचालित होने जा रहा है। देश की पहली रैपिड रेल यूपी में चल रही है और देश का पहला वाटर-वे भी यूपी में ही संचालित हो चुका है। वाराणसी से हल्दिया के बीच चल रहे जलमार्ग को प्रयागराज तक और आगे बलिया से अयोध्या तक विस्तार देने की योजना पर काम चल रहा है।

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