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    यूपी में योगी सरकार ने खोला पिटारा, पूरे प्रदेश में 287 सड़कों के निर्माण को दी मंजूरी

    Updated: Tue, 18 Mar 2025 08:11 PM (IST)

    UP News उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक बड़ी पहल की है। राज्य के विभिन्न जिलों में 287 नए ग्रामीण मार्गों का निर्माण किया जाएगा जिसके लिए 150 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क सुविधा में सुधार होगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। 150 करोड़ रुपये से विभिन्न जिलों के 287 नए ग्रामीण मार्गों का निर्माण किया जाएगा। शासन ने इन मार्गों का निर्माण कराने की स्वीकृति लोक निर्माण विभाग को दे दी है।

    इन मार्गों का निर्माण झांसी, कानपुर, मेरठ, आगरा, अयोध्या, आजमगढ़, बांदा, बरेली, मीरजापुर, प्रयागराज, देवीपाटन, मुरादाबाद, सहारनपुर, वाराणसी, अलीगढ़, बस्ती, गोरखपुर व लखनऊ मंडल में किया जाएगा।

    लोक निर्माण विभाग का विभागीय मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग को सभी ग्रामीण मार्गों को दुरुस्त करने व हर गांव तक संपर्क मार्गों का निर्माण कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद लोक निर्माण विभाग ने विभिन्न जिलों से संबंधित इन नए ग्रामीण मार्गों के निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा था।

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    2,189 करोड़ से 62 आइटीआइ की बदली जाएगी सूरत

    प्रदेश में 62 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) को 2,189.46 करोड़ रुपये अपग्रेड किया जाएगा। यहां प्रशिक्षण के लिए अत्याधुनिक कार्यशाला बनाई जाएगी व नवीनतम मशीनें लगाई जाएंगी। विद्यार्थियों को नए-नए ट्रेड में प्रशिक्षण दिलाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

    मंगलवार को प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता डा. हरिओम व टाटा टेक्नोलाजीज लिमिटेड (टीटीएल) के ग्लोबल हेड एंड वाइस प्रेसिडेंट सुशील कुमार ने इन आइटीआइ के उन्नयन के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

    राजधानी में आइटीआइ, अलीगंज में टीटीएल द्वारा स्थापित की गई अत्याधुनिक लैब में आयोजित कार्यक्रम में व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी नौकरी लेने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले भी बनें। यानी वह खुद का रोजगार स्थापित करने पर जोर दें।

    उन्होंने कहा कि पहले चरण में 5,472 करोड़ रुपये की लागत से 149 आइटीआइ का उन्नयन किया जा चुका है। अब दूसरे चरण में 62 आइटीआइ के उन्नयन पर खर्च होने वाले कुल 2,189.46 करोड़ रुपये में से 1,877.08 करोड़ रुपये टीटीएल खर्च करेगी और बाकी धन राज्य सरकार खर्च करेगी। प्रत्येक आइटीआइ के उन्नयन पर 34.54 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सात और नए दीर्घकालीन ट्रेड और 15 अल्पकालीन ट्रेड में विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है। इन ट्रेड से संबंधित अत्याधुनिक मशीनें, उपकरण, ई कंटेंट और साफ्टवेयर इत्यादि स्थापित किया गया है। इस निवेश से हर साल एक हजार से अधिक विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जा सकेगा।

    उन्हें इलेक्ट्रिक वाहन, एडवांस्ड सीएनसी मशीनिंग, थ्री-डी प्रिंटिंग और इंडस्ट्रियल रोबोटिक्स जैसे अत्याधुनिक ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण कार्य में सहयोग के लिए टीटीएल प्रत्येक संस्थान में पहले दो वर्षों के लिए दो-दो प्रशिक्षक व तीसरे और चौथे वर्ष के लिए एक-एक विषय विशेषज्ञ की भी तैनाती करेगा।

    वहीं दूसरी ओर 1,132.62 करोड़ रुपये की लागत से पांच सेंटर फार इनोवेशन, इनवेंशन, इन्क्यूबेशन एंड ट्रेनिंग (सीआइआइआइटी) का निर्माण भी टीटीएल करेगी। यह सीआइआइआइटी लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा व बरेली के आइटीआइ को विकसित कर बनाए जाएंगे। यहां नव प्रयोग व शोध को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रत्येक सीआइआइआइटी में आठ प्रशिक्षकों की तैनाती पांच वर्षों के लिए टीटीएल करेगी।

    प्रत्येक आइटीआइ का 226.52 करोड़ रुपये से कायाकल्प कर उसे सीआइआइआइटी के रूप में विकसित किया जाएगा। कार्यक्रम में टीटीएल के वाइस प्रेसिडेंट पुष्पराज कालगुड ने कहा कि उनकी कंपनी सेमीकंडक्टर के निर्माण में तेजी से प्रगति कर रही है। युवाओं के लिए रोजगार की नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं। ऐसे में वह हुनरमंद बन इसका लाभ उठाएं। कार्यक्रम में विशेष सचिव, व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता अभिषेक सिंह भी मौजूद रहे।

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