योगी सरकार ने बजट में खेती-किसानी के लिए खोला खजाना, खेतों में उगेगी एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की फसल
UP Budget 2025 उत्तर प्रदेश की योगी सरकार वर्ष 2017 में पहली बार सरकार बनाने के बाद से ही कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में जुटी है। दलहनी एवं तिलहनी फसलों के क्षेत्राच्छादन उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए निश्शुल्क मिनीकिट वितरण कार्यक्रम चल रहा है। 2024-25 में इन दोनों योजनाओं में 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

दिलीप शर्मा, लखनऊ। योगी सरकार ने बजट में खेती-किसानों सशक्त और समृद्ध बनाने की दिशा में चल रहे प्रयासों को और गति दे दी है। किसानों और कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं में भारी-भरकम राशि का प्रावधान किया गया है। दलहनी-तिलहनी फसलों संग प्राकृतिक खेती को बढ़ाने के प्रयास तो होंगे ही, कौशल विकास और उत्पादन को बाजार से जोड़ने की मुहिम भी तेज होगी। फसलों का उत्पादन बढ़ाने के साथ सरकार का जोर कृषि शिक्षा और अनुसंधान पर भी रहेगा।
कुशीनगर में महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। सरकार की कोशिश एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ‘फसल’ पाने के लिए खेतों में उत्पादन बढ़ाने और किसानों को समृद्ध बनाने की है।
योगी सरकार वर्ष 2017 में पहली बार सरकार बनाने के बाद से ही कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में जुटी है। दलहनी एवं तिलहनी फसलों के क्षेत्राच्छादन, उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए निश्शुल्क मिनीकिट वितरण कार्यक्रम चल रहा है। 2024-25 में इन दोनों योजनाओं में 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
नेशनल मिशन आन नेचुरल फार्मिंग योजना के तहत प्रदेश के सभी जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसकी गति बनाए रखने के लिए 124 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। प्रदेश को प्रमाणित बीज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की ओर भी कदम बढ़ाया गया है। इसके लिये उत्तर प्रदेश बीज स्वावलम्बन नीति-2024 के तहत सीड पार्क विकास परियोजना में 251 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे।
पीएम कुसुम योजना में सोलर पंपों की स्थापना को 509 करोड़ रुपये रखे गए हैं। बीते वर्ष इसमें 2089 सोलर पंपों की स्थापना करायी गई थी। कृषि क्षेत्र की क्षमता एवं कौशल विकास और उत्पादन वृद्धि की योजना के लिये 200 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। जबकि विश्व बैंक सहायतित यूपी एग्रीज परियोजना के लिये 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
कृषि शिक्षा, शोध आदि के लिए प्रदेश में पांच कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्थापित हैं। 20 नये केंद्रों सहित कुल 89 कृषि विज्ञान केंद्र संचालित हैं। कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों में शोध कार्यक्रम हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। बजट में कृषि विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों में विभिन्न कार्यों को 86 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वहीं महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने बताया कि बीते वित्तीय वर्ष में तीन करोड़ किसानों को 79500 करोड़ रुपये की पीएम किसान सम्मान निधि हस्तांतरित की गई। पीएम फसल बीमा योजना में 10 लाख बीमित किसानों लगभग 496 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान कराया गया।
कृषि क्षेत्र पर मेहरबान सरकार
पीएम कुसुम योजना को 509 करोड़ रुपये।
सीड पार्क विकास परियोजना को 251 करोड़ रुपये।
कौशल विकास तथा उत्पादन वृद्धि को 200 करोड़ रुपये।
नेशनल मिशन आन नेचुरल फार्मिंग को 124 करोड़ रुपये।
दलहनी-तिलहनी फसलों को 50 करोड़ रुपये
कृषि शिक्षा-शोध कार्यक्रमों को 25 करोड़ रुपये।
महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि की स्थापना को 100 करोड़ रुपये।
गन्ने में घुलेगी समृद्धि की मिठास
बजट में गन्ना मूल्य के भुगतान को 475 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। पिपराईच चीनी मिल के उच्चीकरण को 90 करोड़, बंद पड़ी छाता चीनी मिल पर 2000 टीसीडी क्षमता की नई चीनी मिल और लाजिस्टिक हब वेयर हाउसिंग काम्प्लेक्स की स्थापना को 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
वित्त मंत्री के अनुसार सरकार वर्ष 2017 से अब तक लगभग 46 लाख गन्ना किसानों को लगभग 273000 करोड़ रूपये का रिकार्ड भुगतान करा चुकी है। यह पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य से 59,143 करोड़ रूपये अधिक है। प्रदेश में औसत गन्ना उत्पादकता 72 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 85 टन प्रति हेक्टेयर हो गई है। इससे किसानों की आय में औसतन 43,364 रूपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
मत्स्य पालकों को मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत पुरूष लाभार्थियों के लिये 195 करोड़ रुपये और महिला लाभार्थियों के लिये 115 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। एकीकृत एक्वा पार्क मार्केट के निर्माण को 190 करोड़ रुपये रखे गए हैं।
बागवानी-प्रसंस्करण को मिलेगी गति
पर ड्रॉप मोर क्रॉप माइक्रो इरीगेशन योजना को 720 करोड़ रुपये।
राष्ट्रीय औद्यानिक-बागवानी मिशन योजना को 650 करोड़ रुपये।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति में प्रोत्साहन को 300 करोड़ रुपये।
नंद बाबा मिशन से बहेगी दूध की धार
नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत 203 करोड़ रुपये।
दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्जीवित को 107 करोड़ रुपये।
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