शिक्षा से आत्मनिर्भरता तक: योगी सरकार ने दिव्यांग विश्वविद्यालयों को और मजबूत करने का दिया मंत्र
योगी सरकार उत्तर प्रदेश में दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग के लिए 'शिक्षा, सुरक्षा और स्वावलंबन' मॉडल पर काम कर रही है। 2025-26 में दिव्यांग विश्वविद्यालयो ...और पढ़ें

डिजिटल टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के अपने संकल्प को धरातल पर उतार रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देशों के अनुरूप, वर्ष 2025 में दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग के सर्वांगीण विकास के लिए 'शिक्षा, सुरक्षा और स्वावलंबन' के त्रिसूत्रीय मॉडल पर विशेष कार्य किया गया। सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ केवल कागजों तक सीमित न रहकर अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे।
दिव्यांग शिक्षा के केंद्रों का होगा कायाकल्प
सरकार का विशेष फोकस प्रदेश के प्रमुख दिव्यांग विश्वविद्यालयों को वैश्विक स्तर की सुविधाओं से लैस करने पर है।
डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय (लखनऊ) और जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय (चित्रकूट) में रिक्त शैक्षणिक पदों पर शीघ्र नियुक्तियां करने के निर्देश दिए गए हैं।
इन संस्थानों में निर्माणाधीन परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा कर मंडल स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की योजना है ताकि अधिक से अधिक दिव्यांग छात्र उच्च शिक्षा से जुड़ सकें।
पिछड़ा वर्ग कल्याण: शादी अनुदान और छात्रवृत्ति से मिली बड़ी राहत
पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं की सख्त मॉनिटरिंग की जा रही है। विभागीय समीक्षा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के उत्साहजनक आंकड़े सामने आए हैं:
शादी अनुदान योजना: अब तक 72,690 लाभार्थी इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
छात्रवृत्ति योजना: प्रदेश के 12,76,303 विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
स्किल डेवलपमेंट: 'ओ' लेवल कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए 25,588 और ट्रिपल सी (CCC) के लिए 9,304 युवाओं का लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें तकनीकी रूप से दक्ष बनाया जा रहा है।
सामाजिक सुरक्षा का मजबूत घेरा: पेंशन और निःशुल्क यात्रा
दिव्यांगजनों के जीवन को सुगम बनाने के लिए सरकार ने पेंशन और परिवहन सुविधाओं का विस्तार किया है।
वर्तमान में 11.88 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को नियमित पेंशन मिल रही है।
कुष्ठावस्था पेंशन के जरिए 13,357 लाभार्थियों को सहारा दिया जा रहा है।
परिवहन के क्षेत्र में 16.97 लाख दिव्यांगजनों और उनके सहायकों ने निःशुल्क बस सेवा का लाभ उठाकर अपनी यात्रा को सुगम बनाया है।
कला और खेल: दिव्यांग प्रतिभाओं को वैश्विक मंच
वर्ष 2025-26 में दिव्यांगजनों के भीतर छिपी प्रतिभा को निखारने के लिए कई बड़े आयोजनों की रूपरेखा तैयार की गई है:
राज्य स्तरीय खेलकूद: लखनऊ में 7 दिवसीय भव्य खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन होगा।
कला प्रदर्शनी: प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर और गोरखपुर जैसे शहरों में चित्रकला और हस्तकला प्रदर्शनी के माध्यम से दिव्यांगों के हुनर को बाजार और पहचान दिलाई जाएगी।
पुनर्वास कार्यशालाएं: दिव्यांग पुनर्वासन पर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशालाएं आयोजित कर नवीनतम तकनीकों और सरकारी नीतियों पर मंथन किया जाएगा।

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