योगी सरकार का बड़ा फैसला, एक लाख निर्धन कन्याओं का कराया जाएगा सामूहिक विवाह; 600 करोड़ बजट पास
योगी सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में 1 लाख से अधिक निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह कराने का फैसला किया है। इसके लिए 600 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस योजना के तहत प्रत्येक जोड़े पर 51 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। यह योजना गरीब और वंचित परिवारों के लिए संजीवनी बन चुकी है। बीते आठ वर्षों में 476207 गरीब कन्याओं का सामूहिक विवाह हो चुका है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्तीय वर्ष में एक लाख से अधिक निर्धन कन्याओं का सामूहिक विवाह आयोजित करेगी। इस साल जुलाई माह में सहालग शुरू होते ही सामूहिक विवाह प्रारंभ हो जाएंगे। सरकार हर जोड़े पर 51 हजार रुपये का खर्च करेगी। इसके लिए 600 करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत की थी। यह योजना उन गरीब और वंचित परिवारों के लिए संजीवनी बन चुकी है, जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटियों की शादी धूमधाम से नहीं कर पाते हैं।
8 वर्षों में 4,76,207 गरीब कन्याओं का कराया गया सामूहिक विवाह
बीते आठ वर्षों में अब तक इस योजना के तहत 4,76,207 गरीब कन्याओं के विवाह संपन्न हो चुके हैं, जिससे हजारों परिवारों को राहत मिली है। दो लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा के अंतर्गत आने वाले सभी वर्गों के परिवार इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
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प्रदेश सरकार इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक नवविवाहित जोड़े पर 51,000 रुपये खर्च करती है। इसमें 35,000 रुपये वधू के खाते में जमा किए जाते हैं, जिससे नवविवाहित दंपति अपने जीवन की नई शुरुआत कर सके। इसके अलावा, 10,000 रुपये की धनराशि कपड़े, गहने और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए दी जाती है, जबकि योजना के तहत 6,000 रुपये विवाह समारोह के आयोजन और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च किए जाते हैं।
यह योजना केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक समरसता को भी मजबूत कर रही है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सहित सभी धर्मों और जातियों के जोड़ों के विवाह उनके धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न कराए जाते हैं। इससे प्रदेश में आपसी भाईचारे और सद्भाव को भी बढ़ावा मिल रहा है।
प्रत्येक वर्ष बढ़ रही लाभार्थियों की संख्या
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना शुरू होने के बाद से हर वर्ष लाभार्थियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। वर्ष 2020-21 में 22,780 जोड़े इस योजना से लाभांवित हुए थे, जबकि 2023-24 में यह संख्या 1,04,940 तक पहुंच गई। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक लाख से अधिक जोड़ों का विवाह संपन्न हो चुका है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए योगी सरकार ने इस योजना के लिए 600 करोड़ रुपये का भारी भरकम बजट निर्धारित किया है।
योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए नगर निगम, नगर पंचायत, जिला प्रशासन और क्षेत्र पंचायतों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गयी है। लाभार्थियों की पहचान करने से लेकर विवाह समारोह की समुचित व्यवस्था तक सभी कार्यों की निगरानी प्रशासन द्वारा की जाती है।
योगी सरकार ने अब इस योजना के तहत एक समारोह में होने वाले विवाहों की संख्या को घटाकर पांच कर दिया है। पहले यह संख्या 10 हुआ करती थी, लेकिन अब हर आयोजन को अधिक प्रभावी और व्यक्तिगत जरूरतों के अनुसार संपन्न करने के लिए यह बदलाव किया गया है।

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