जल्द हो सकता है योगी कैबिनेट का विस्तार, CM आवास पर कोर कमेटी की लंबी बैठक के बाद दिल्ली रवाना हुए BJP प्रदेश अध्यक्ष
मकर संक्रांति के बाद प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल और भाजपा की नई प्रदेश कार्यकारिणी के गठन की तैयारी है। संगठन और सरकार के बीच अदला-बद ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मकर संक्रांति के बाद प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारी है। इसके साथ ही भाजपा की नई प्रदेश कार्यकारिणी का गठन भी होगा। संगठन और सरकार के बीच अदला-बदली का फार्मूला अपनाया जा सकता है। मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई कोर कमेटी की बैठक में इस पर गहन मंथन हुआ। माना जा रहा है कि दिल्ली से हरी झंडी मिलते ही फेरबदल पर अमल किया जा सकता है। इसके बाद संगठन के पुनर्गठन का काम शुरू होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक पूर्वी अनिल और पश्चिमी महेन्द्र कुमार की मौजूदी में करीब डेढ़ घंटे चली यह बैठक वर्ष 2027 के विधान सभा चुनाव की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पंकज चौधरी की यह पहली कोर कमेटी की बैठक थी। इससे पहले वह महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह के साथ आरएसएस कार्यालय भारती भवन भी गए थे। यहां पर संघ पदाधिकारियों से संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा हुई।
बैठक में मिले साफ संकेत
सूत्रों के मुताबिक बैठक में साफ संकेत दिए गए कि संगठन में कुछ चेहरों को सरकार में लाया जा सकता है, वहीं सरकार के कुछ मंत्रियों को संगठन में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी का सरकार में शामिल होने की प्रबल संभावना है।
प्रदेश सरकार में फिलहाल मुख्यमंत्री सहित 54 मंत्री हैं, जबकि अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। लोक सभा चुनाव के बाद दो मंत्री सांसद बन गए हैं, जिससे मंत्रिमंडल में रिक्तियां बनी हुई हैं। पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे जितिन प्रसाद और राजस्व राज्य मंत्री रहे अनूप प्रधान वाल्मीकि अब संसद में हैं। उनकी जगह नए चेहरों को मौका मिलने की चर्चा तेज है।
कोर कमेटी की बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली रवाना हो गए। सूत्रों का कहना है कि पंकज चौधरी दिल्ली में हाईकमान के सामने कोर कमेटी की बैठक में हुई चर्चा और प्रस्ताव की जानकारी देंगे। इसके बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल अंतिम निर्णय लिया जाएगा। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में काम कर रहे कुछ मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है।
वहीं, विभागीय प्रदर्शन, प्रशासनिक रिपोर्ट और एसआइआर जैसे आकलनों के आधार पर कुछ मंत्रियों को संगठन में भेजा जा सकता है। साथ ही आयोगों और बोर्डों में खाली पड़े पदों को भरने पर भी सहमति बनी है। सूत्र बताते हैं कि यह पूरा फेरबदल 2027 विधान सभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया जाएगा। जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की पूरी कोशिश होगी। पार्टी के भीतर यह चर्चा भी है कि वर्तमान में पूर्वांचल का प्रतिनिधित्व ज्यादा है, ऐसे में पश्चिम यूपी से नेताओं को आगे लाकर संतुलन बनाने का प्रयास किया जा सकता है।
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