Yogi Adityanath Cabinet Approvals : योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने दी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि स्वीकृत, भवनों में खोली जा सकेगी दुकान
Yogi Adityanath Cabinet Approvals उपविधि के तहत 10 लाख तक की आबादी वाले नगरों में 18 मीटर चौड़ी सड़क किनारे के घरों में दुकानें बनाई जा सकेंगी। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में 24 मीटर सड़क किनारे स्थित भवनों का मिश्रित उपयोग किया जा सकेगा।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को लोक भवन में कैबिनेट की बैठक में 30 प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। बैठक में 30 प्रस्ताव रखे गए थे और मंत्रीमंडल ने सभी को स्वीकृति प्रदान कर दी।
एक माह बाद हुई योगी कैबिनेट की बैठक में गुरुवार को कुल 30 प्रस्ताव पास हुए। इसमें विकास योजनाओं, रोजगार व शिक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव शामिल हैं। बैठक में भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 को स्वीकृति प्रदान कर दी गई। इस उपविधि से अब चौड़ी सड़क किनारे के भवनों में दुकान खोली जा सकेगी वहीं कम जगह में ज्यादा निर्माण भी किया जा सकेगा। यह उपविधि भूखंड स्वामियों को शोषण से राहत देने के लिए भवन निर्माण के कड़े मानकों में काफी हद तक छूट देगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को लोक भवन में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद इसके निर्णयाें की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कुल 30 प्रस्ताव आए थे सभी पास हो गए। इससे पहले तीन जून को कैबिनेट की बैठक हुई थी। रोजगार देने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाते हुए कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के गठन को स्वीकृति दे दी। यह मिशन हर वर्ष सवा लाख से अधिक युवाओं को देश-विदेश में रोजगार उपलब्ध कराएगा।
विकास योजनाओं में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाला ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेसवे को हरी झंडी मिल गई है। करीब 50 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे 4776 करोड़ रुपये में छह लेन का बनेगा जिसे आठ लेन तक चौड़ा किया जा सकेगा। लखनऊ में सपा सरकार में बने जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र को संचालित करने की जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण को सौंप दी गई है। आठ वर्ष से बंद पड़े इस केंद्र को पीपीपी माडल पर एलडीए संचालित करवाएगा।
लखनऊ में वृंदावन योजना में एकीकृत सिटी बस टर्मिनल और वाणिज्यिक क्षेत्र सुविधाओं का पीपीपी माडल पर विकास कराने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिल गई है। बैठक में माध्यमिक शिक्षा, समाज कल्याण, उच्च शिक्षा, ग्राम्य विकास, पशुपालन, होमगार्ड व चीनी उद्योग विभाग की नियमावलियों में संशोधन को भी हरी झंडी दी गई। नियुक्तियों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने राजकीय महाविद्यालयों में सहायक आचार्य की भर्ती में अब लिखित परीक्षा अनिवार्य कर दी है। अभी तक केवल साक्षात्कार के जरिए चयन हो जाता था। समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आने वाले यूपी सिडको में सीधी भर्ती के समूह ख के सभी पद अब उत्तर प्रदेश लाेक सेवा आयोग से भरने का प्रस्ताव भी स्वीकृत हो गया।
चौड़ी सड़क किनारे के भवनों में दुकान खोली जा सकेंगी
कैबिनेट की बैठक में भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 को स्वीकृति प्रदान की गई है। उपविधि को मंजूरी मिलने पर चौड़ी सड़क किनारे के भवनों में दुकान खोली जा सकेंगी और कम जगह में ज्यादा निर्माण भी किया जा सकेगा। उपविधि के तहत 10 लाख तक की आबादी वाले नगरों में 18 मीटर चौड़ी सड़क किनारे के घरों में दुकानें बनाई जा सकेंगी। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में 24 मीटर सड़क किनारे स्थित भवनों का मिश्रित उपयोग किया जा सकेगा। इतना ही नहीं, भूखंड पर कहीं और ज्यादा निर्माण भी कराया जा सकेगा। यह उपविधि भूखंड स्वामियों को शोषण से राहत देने के लिए भवन निर्माण के कड़े मानकों में काफी हद तक छूट देगी।
कैबिनेट की बैठक में जेपी एनआइसी को संचालित करने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण को अधिकृत किया गया है। एलडीए इसे पीपीपी माडल पर संचालित करेगा। समाजवादी पार्टी सरकार ने ड्रीम प्रोजेक्ट जेपीएनआईसी का करीब 800 करोड़ रुपए खर्च करके निर्माण कराया था। समाजवादी पार्टी सरकार ने इसके संचालन के लिए जेपी एनआइसी सोसायटी बनाई थी। जिसको योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने आज भंग कर दिया और एलडीए उसका मेंटिनेंस कराकर संचालित कराने का काम सौंपा। काफी समय से इसको लेकर विवाद होते रहे हैं।
जेपीएनआईसी सोसाइटी भंग
कैबिनेट ने जेपीएनआईसी सोसाइटी को भंग करते हुए परियोजना को यथास्थिति एलडीए को हस्तांतरित करने का फैसला किया है। अब एलडीए न केवल इस केंद्र का संचालन करेगा, बल्कि इसके रखरखाव और पूर्ण करने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाएगा। परियोजना को निजी सहभागिता के जरिए संचालित करने, प्रक्रिया और शर्तें तय करने, सोसाइटी की सदस्यता समाप्त करने और अन्य अनुषांगिक कार्यों के लिए एलडीए को पूर्ण रूप से अधिकृत किया गया है। यह कदम परियोजना को पारदर्शी और कुशल तरीके से जनता के हित में उपयोग करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
821.74 करोड़ का ऋण, 30 साल में चुकाने की शर्त
कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया कि जेपीएनआईसी परियोजना के लिए शासन द्वारा अब तक अवमुक्त 821.74 करोड़ रुपये की धनराशि को एलडीए के पक्ष में स्थानांतरित ऋण माना जाएगा। एलडीए को इस राशि को आगामी 30 वर्षों में चुकाना होगा। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि परियोजना के संचालन और रखरखाव के लिए वित्तीय बोझ को व्यवस्थित तरीके से संभाला जाए, साथ ही परियोजना जनता के लिए उपलब्ध हो सके।
नगर विकास विभाग लखनऊ के वृंदावन योजना में पीपीपी माडल पर बस टर्मिनल बनाने की योजना को भी हरी झंडी दी गई है। यहां पर एक ही स्थान पर इलेक्ट्रिक और सीएनजी पंप स्टेशनों की भी व्यवस्था होगी जिससे वाहनों की चार्जिंग के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। कैबिनेट के प्रस्ताव में लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे व पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी मिली और बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण नियमावली भी पास की गई।
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