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    UP Monsoon Session: 'अखिलेश का PDA यानी...', ये क्या बोल गए सीएम योगी, शिवपाल पर तंज- चच्चा भी खा गए गच्चा

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 07:35 PM (IST)

    विधानमंडल सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने अखिलेश यादव के पीडीए को परिवार विकास प्राधिकरण बताया और विपक्ष को संकीर्ण सोच वाला करार दिया। उन्होंने गोमाता के अपमान और विरासत के सम्मान पर विपक्ष को घेरा। योगी ने कहा कि विपक्ष महिला विरोधी है और उनकी सरकार किसी भी विद्यालय को बंद नहीं करेगी।

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    विधानमंडल सत्र: ब्यूरो : अखिलेश का पीडीए यानी 'परिवार डेवलपमेंट अथारिटी' : योगी

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विधानमंडल के मानसून सत्र के आखिरी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर हमला बोला। अखिलेश यादव के पीडीए को ''परिवार डेवलपमेंट अथारिटी'' बताते हुए कहा कि आपकी इसी सोच का नमूना दिख रहा है। स्वामी विवेकानंद ने इसी को ''कूप मंडूक'' होना कहा था।

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    मुझे लगता है कि यही दृष्टि आप लोगों की है। दुनिया आगे बढ़ रही है, एक प्रतिस्पर्धा चल रही है लेकिन आप लोग अभी भी अपने परिवार तक सीमित हैं। उन्होंने विपक्ष पर कविताओं, रामचरितमानस की चौपाइयां और शायरी का प्रयोग करते हुए कटाक्ष किए।

    योगी ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के लिए कहा कि आप काफी बुजुर्ग हैं, अनुभवी हैं। जब अपने स्वयं के विवेक से बोलते हैं तो सही बोलते हैं मगर जब दूसरों के द्वारा संचालित होने लगते हैं तो दिक्कत होती है।

    उन्होंने हल्के अंदाज में कहा कि कभी-कभी आपको मुर्गा भी याद आने लगता है, जिस पर उन्होंने हंसते हुए कहा कि खाने-पीने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। विरोधी दल के सदस्यों द्वारा कही गई बातों पर कहा कि मुझे इस पर एक बात याद आयी है कि ''बड़ा हसीन है इनकी जबान का जादू, लगाकर आग बात बहारों की करते हैं।''

    उन्होंने कहा कि मैं देख रहा था कि विपक्ष की सोच विकास की कम और सत्ता प्राप्ति पर ज्यादा सीमित थी। फिर उन्होंने कहा...''जिन्होंने रात में चुन-चुनकर बस्तियां लूटीं वही नसीब के मारों की बात करते हैं।''

    मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोग जब गोमाता को धोखा दे सकते हैं तो किसी को भी धोखा दे सकते हैं। आप गाय का दूध तो पीते थे मगर उन्हें सड़कों पर छोड़ देते थे। कसाइयों के हवाले कर देते थे। आपको तो गोमाता का ही श्राप ले डूबेगा। इसलिए 2027 में सत्ता में आने का सपना मत देखिए।

    कहा कि ये विरासत वही है जो काशी, अयोध्या, मां विध्यवासिनी धाम व चित्रकूट में देखने को मिल रही है। आपको पीड़ा होती है ये समझ आता है। मथुरा-वृंदावन की बात हम अभी नहीं करेंगे क्योंकि विपक्ष तो पहले ही 2016 में कह चुका है कि वह दुर्योधन का स्मारक बनाएंगे।

    उन्होंने कहा कि मुझसे कोई भी राष्ट्राध्यक्ष मिलने आता है तो मैं उसे यहां के प्रोडक्ट देता हूं, आप तो सैफई महोत्सव व रामपुर में मुलायम सिंह का जन्मदिवस मनाने के लिए बकिंघम की बग्घी मंगाते थे, वह भी रानी विक्टोरिया की। क्या आचरण है ये, यही आपका दोहरा चरित्र व विजन है। आप बात आजादी की करते हैं पर काम गुलामी वाला करते हैं।

    शिवपाल पर तंज, चच्चा भी खा गए गच्चा

    योगी ने शिवपाल सिंह यादव पर तंज कसते हुए कहा कि चच्चा भी गच्चा खा गए। नेता प्रतिपक्ष को विद्यालय बंदी पर कहा कि आपको ऐसे शब्द नहीं कहने चाहिए थे। मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि प्रदेश सरकार किसी भी विद्यालय को बंद नहीं करने जा रही है।

    कहा कि स्वतंत्र देव सिंह ने बिलारी के विधायक को ऐसी कसम खिला दी है कि वह समझ ही नहीं पा रहे हैं क्या करें। गौरतलब है कि उन्होंने बीवी की कम खाने के लिए कहा था। योगी ने कहा कि मैंने उनसे कहा है कि ऐसी कसमें न खिलवाया करें, वह तो ये समझ ही नहीं पा रहे हैं कि किसकी कसम खाएं और भला खन्ना जी किसके नाम पर कसम खाएंगे।

    आपके लिए तो ग से गधा ही सबसे अच्छा

    शिक्षा पर बात करते हुए योगी ने कहा कि हम तो ग गणेश और ग से गमला भी मानकर बच्चों को पढ़ाते हैं, आपने तो ग से गधा बच्चों को पढ़ाया है। परीक्षाओं में नकल को आपने बढ़ावा दिया। सिद्धार्थनगर में मेडिकल कालेज की बात कहते हुए कहा कि आप उप मुख्यमंत्री को कभी वहां बुलाइये और इसी बहाने भोजन भी खिलाइये मगर बुलाइये तो। योगी ने मजाक करते हुए कहा कि आप ऐसा नहीं करेंगे, आप उनके साथ दुश्मनी करेंगे। अरे, इस उम्र में दुश्मनी नहीं करनी चाहिए।

    रामचरितमानस के पन्ने फाड़ने वाले क्या करेंगे विरासत का सम्मान

    विरासत के सम्मान को लेकर मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा रामचरितमानस के पन्ने फाड़ने वाले भला विरासत का क्या सम्मान करेंगे। महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सपा पर तंज कसते हुए कहा कि आप लोग तो घोषित तौर पर महिला विरोधी हैं। देख सपाई, बिटिया घबराई कहावत कही जाती है। प्रदेश में किसी भी नियुक्ति में कोई भेदभाव नहीं है।