आगरा में 47 साल बाद यमुना ने लांघी सीमाएं, औरैया-आगरा और अमरोहा में तीन की मौत
आगरा में यमुना का जलस्तर 47 साल बाद खतरे के निशान को पार कर गया है जिससे आसपास के गांवों और बाजारों में पानी भर गया है। मथुरा में यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाजारों की स्थिति खराब हो गई है। उन्नाव और फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर भी बढ़ रहा है। आगरा औरैया व अमरोहा में डूबने से एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।

जागरण टीम, लखनऊ। आगरा में वर्ष भर दायरे में सिमटे रहने वाली यमुना में ऐसा उफान आया है कि 47 वर्ष बाद उसने सारी सीमाएं लांघ दी हैं। नदी किनारे बसे खेत और गांवों के बाद अब बाजार और आबादी भरे क्षेत्रों में पानी ठोकर मार रहा है। 1978 में आई बाढ़ के बाद पहली बार यमुना इतने रौद्र रूप में है। मथुरा में सोमवार सुबह यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया, जिससे बाजारों की स्थिति बिगड़ गई है।
उन्नाव, फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। फतेहपुर में गंगा का जलस्तर आठ सेमी बढ़ा तो यमुना का जलस्तर 32 सेमी कम हुआ है। आगरा, औरैया व अमरोहा में डूबने से एक-एक की मौत हो गई।आगरा में यमुना का पानी पांच तहसीलों के 57 गांवों और 32 कालोनियों में घुस गया। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के साथ 70 अधिकारियों और 400 कर्मचारियों को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया है।
मथुरा में रविवार रात यमुना का जलस्तर 167.50 मीटर था। मथुरा जोन में स्वामी घाट को पार कर पानी बाजार मार्ग तक पहुंच गया। विश्राम घाट में पानी भरा है, यहां जाने वाले मार्ग भी लबालब हैं। रविवार को सदर क्षेत्र की गलियों में भी पानी भर गया। खादर समेत कई क्षेत्र के लोग राहत शिविर एवं किराए के मकानों में पहुंच गए हैं। इन्हें ट्रैक्टर और नावों के जरिए बाहर निकाला जा रहा है। वहीं वृंदावन की खादर की दो दर्जन कॉलोनी में बाढ़ से हालात बदतर हो गए हैं। सड़कों पर नाव चल रही है। वृंदावन के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बंद होने से सैकड़ों घर अंधेरे में हैं। उन्नाव में गंगा खतरे के निशान से 12 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई हैं। कई संपर्क मार्ग डूब गए हैं।
फर्रुखाबाद में गंगा खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। फतेहपुर में गंगा का जलस्तर आठ सेमी बढ़ा तो यमुना का जलस्तर 32 सेमी कम हुआ है। औरैया में यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। अमरोहा में मछली पकड़ने गए तीन युवक गंगा की धारा में फंस गए, जिनमें से एक की मौत हो गई। संभल में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। बिजनौर में रावली बैराज तटबंध को गंगा की तेज धारा ने लगभग आधा किलोमीटर तक काट दिया है, जिससे तटबंध टूटने का खतरा बढ़ गया है। तटीय गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और मेरठ-पौड़ी हाईवे पर बड़े वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है।
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