Pankaj Chaudhary: कौन हैं पंकज चौधरी जिन्हें उत्तर प्रदेश में मिली BJP की कमान? हर चुनाव में है बेहतर रिकॉर्ड
पंकज चौधरी को उत्तर प्रदेश में बीजेपी की कमान मिली है। वह एक अनुभवी नेता हैं और उनका हर चुनाव में रिकॉर्ड बेहतर रहा है। पार्टी को उम्मीद है कि उनके ने ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, लखनऊ। महराजगंज लोकसभा सीट से सात बार सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री पंकज चौधरी रविवार को उत्तर प्रदेश भाजपा के 17वें अध्यक्ष बनाए गए। केंद्रीय चुनाव अधिकारी एवं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को उनके निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की।
निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने पार्टी का झंडा नवनियुक्त अध्यक्ष को सौंपा। मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बगल में बैठे भूपेन्द्र चौधरी ने अपनी सीट पर पंकज को बैठाया और खुद उनकी सीट पर बैठ गए। पंकज ने सीएम योगी के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया।
आइए जानते हैं पंकज चौधरी के बारे में-
पंकज चौधरी ने बिना किसी राजनीतिक पारिवारिक पृष्ठभूमि के सिर्फ संघर्ष के बल पर पार्षद, उपमहापौर और सात बार महराजगंज लोकसभा सीट से सांसद बनने का सफर तय किया है। वर्तमान में वे केंद्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री के रूप में दायित्व निभा रहे हैं। व्यापारी वर्ग से जुड़े होने के कारण समाज के सभी वर्गों में उनकी मजबूत पकड़ है।
हर चुनाव में बेहतर रिकॉर्ड
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का ट्रैक रिकॉर्ड वैसे तो हर चुनाव में बेहतर रहा, लेकिन 2019 के आम चुनाव में उन्हें जनता ने खूब प्यार दिया, जिसके चलते प्रतिद्वंदी प्रत्याशी के मुकाबले उन्हें 340418 वोट से जीत मिली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में सात जुलाई 2021 में जब मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तो पंकज चौधरी का भी नाम उसमें शामिल था। शपथ लेते ही सियासी हलके में उनके नाम पर चर्चा होने लगी।
सामान्य तौर पर शांत रहकर अपना कार्य करने वाले पंकज चौधरी को जब केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री का प्रभार मिला तो पूरी जिम्मेदारी से उन्होंने इस दायित्व को निभाया। इसी का प्रतिफल रहा कि 2024 में हुए चुनाव के बाद पुन: उन्हें केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री बनाया गया।
'रूल' नहीं 'रोल' अदा करने आया हूं: पंकज
प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने के बाद पंकज चौधरी ने कहा कि वह प्रदेश संगठन में 'रूल' करने नहीं बल्कि 'रोल' अदा करने आए हैं। आदेश देना ही नेतृत्व नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं कार्यकर्ताओं की सुनूंगा, उनके लिए लडूंगा और मरूंगा। संगठन, संपर्क, संवाद और समन्वय मेरे चार मूल मंत्र हैं'।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में केंद्र व प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प भी दोहराया। उन्होंने कहा कि उनका मूल मंत्र संगठन, संपर्क, संवाद और समन्वय है।
कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी पद पर बैठने वाला व्यक्ति भूतपूर्व हो सकता है, लेकिन कार्यकर्ता कभी भूतपूर्व नहीं होता। कार्यकर्ता ही पार्टी की असली ताकत है।

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