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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले वसीम रिजवी

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कल लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। रिजवी ने कहा मैंने राम मंदिर को लेकर मुलाकात की है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 10 Nov 2017 10:47 AM (IST)Updated: Fri, 10 Nov 2017 12:21 PM (IST)
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले वसीम रिजवी

लखनऊ (जेएनएन)। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बेहद गंभीर हो गए शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस दौरान वसीम रिजवी ने मुख्यमंत्री को अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए शिया वक्फ बोर्ड के प्रयासों की जानकारी दी। 

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शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कल लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर शिया वक्फ बोर्ड के चैयरमैन वसीम रिजवी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। राजधानी लखनऊ में हुई इस मुलाकात में वसीम रिजवी ने सीएम योगी से अयोध्या मसले पर अहम बात की है। 

सीएम से 20 मिनट की मुलाकात के बाद रिजवी ने मीडिया से कहा कि मैंने राम मंदिर बनाने को लेकर मुलाकात की है। जिस स्थान पर मंदिर है, वहां मंदिर ही बनेगा। वहां मस्जिद किसी मंदिर को गिराकर नहीं बनाई जा सकती, इसलिए उसे अयोध्या से बाहर या दूर किसी मुस्लिम क्षेत्र में बनाने पर हमने बात की है। इसके लिए मैं पक्षकारों से बात कर रहा हूं।

वसीम रिजवी ने कहा कि मैं सभी पक्षकारों से बात कर रहा हूं। सभी ने लगभग मंदिर पर सहमति दे दी है। कुछ मुद्दों पर बात होनी बाकी है। उनको भी पूरा कर लिया जाएगा। राम मंदिर पर कोई विवाद नहीं होगा। मंदिर जहां है वहीं बनेगा, किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। हम बात करके जल्द ही मुद्दे को सुलझा लेंगे।

मस्जिद अयोध्या से दूर बनाने पर बात हो रही है। ऐसी किसी जगह को तलाशा जाएगा, जो मुस्लिम बस्ती हो। हमने सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने का समय मांगा था। मुलाकात के दौरान मंदिर-मस्जिद विवाद पर सीएम योगी से बात हुई है। हमारी बातचीत काफी सकारात्मक रही है।

वसीम रिजवी की मुख्यमंत्री योगी से यह तीसरी मुलाकात थी। गुरुवार को उन्होंने मुख्यमंत्री से करीब 20 मिनट से अधिक बातचीत की। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखा है। शिया वक्फ बोर्ड ही बाबरी मस्जिद की असली मालिक है। ऐसे में शिया वक्फ बोर्ड वहां शांतिपूर्ण तरीके से श्रीराम का भव्य मंदिर बनवाना चाहता है। वसीम रिजवी ने कहा कि वे आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर से भी इस सिलसिले में मुलाकात कर चुके हैं। अयोध्या में इससे जुड़े विभिन्न पक्षकारों से बातचीत कर चुके हैं। शिया वक्फ बोर्ड इससे जुड़े पक्षकारों से मिलकर शांतिपूर्ण हल के लिए समझौते के प्रमुख बिंदु तैयार कर रहा है। इसके लिए वे इस महीने फिर अयोध्या जाकर बातचीत करेंगे।

शिया वक्फ बोर्ड अयोध्या में राम मंदिर बनाने के पक्ष में है और इसी सिलसिले में वसीम रिजवी ने बंगलुरू में श्री श्री रविशंकर से मुलाकात की थी। दरअसल, अयोध्या में राम मंदिर विवाद को सुलझाने के लिए श्री श्री रविशंकर मध्यस्थता कर रहे हैं और इसके लिए वह संबंधित पक्षों के नेताओं से मुलाकात भी कर रहे हैं। लेकिन, कुछ लोगों ने उनकी इस पहल का विरोध भी किया है।  

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विरोध करने वालों में भाजपा के पूर्व सांसद और साधू राम विलास वेदांती भी हैं। उनका कहना है कि राम मंदिर के लिए लाखों ने बलिदान दिया है। ऐसे में श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थता करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड अयोध्या में बातचीत के जरिये शांतिपूर्ण ढंग से श्रीराम मंदिर बनवाने की दिशा में पहल कर रहा है।

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वसीम रिजवी ने कहा कि इस बातचीत के शांतिपूर्ण निपटारे का प्रस्ताव 6 दिसंबर तक तैयार कर उसे सुप्रीम कोर्ट में जमा कर देंगे। अयोध्या में विवादित जमीन से कुछ दूरी पर मुस्लिम बहुल इलाके में मस्जिद बनाई जा सकती है। 6 दिसंबर 1992 को ही बाबरी विध्वंस की घटना हुई थी। इस वजह से यूपी शिया वक्फ बोर्ड ने शांतिपूर्ण निपटारे का प्रस्ताव 6 दिसंबर तक देने का फैसला किया है।

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1949 से चल रहा है विवाद

अयोध्या में 1949 में विवादित ढांचे में रामलला की मूर्ति सामने आने के बाद विवाद शुरू हुआ। तब सरकार ने इस जगह को विवादित घोषित कर दिया और इस जगह ताला लगा दिया गया था। शिया वक्फ बोर्ड अयोध्या मामले में रिस्पॉन्डेंट (प्रतिवादी) नंबर 24 है।

बोर्ड ने पहली बार सुप्रीम कोर्ट में ही एफिडेविट दायर किया है। 68 साल पुराने इस मसले को सुलझाने के लिए शिया वक्फ बोर्ड के अलावा सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुब्रमण्यम स्वामी भी रास्ता सुझा चुके हैं।


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