Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    UP: गांवों के कारीगर बना रहे आत्मनिर्भर भारत, हस्तशिल्प व हथकरघा सबसे महत्वपूर्ण कुटीर उद्योग, ग्रामीण आबादी को बांट रहे आजीविका

    By Prabhapunj MishraEdited By:
    Updated: Tue, 28 Jun 2022 03:41 PM (IST)

    उत्‍तर प्रदेश की योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में जहां एक ओर क‍िसानों की आय बढ़ाने पर फोकस कर रही है। वहीं राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विक ...और पढ़ें

    राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड गांवों के कारीगरों को बनाएगा आत्‍मन‍िर्भर

    लखनऊ, राज्य ब्यूरो। देश के किसानों के साथ गांवों के कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड प्रयासरत है। कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) की तर्ज पर गैर कृषि उत्पादक संगठन (ओएफपीओ) का ढांचा तेजी से तैयार किया जा रहा है। ओएफपीओ सदस्यों का अनुभव साझा करने के लिए नाबार्ड लखनऊ में राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसमें सदस्यों ने एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं, सफलता की कहानियां सुनाई, दूसरों को सीखने का अवसर दिया कि क्यों कुछ चीजें उस तरह से नहीं चलीं जिस तरह से इसकी उम्मीद की गई थी और इसे आगे कैसे ठीक किया जा सकता है। नाबार्ड के अध्यक्ष डा. जीआर च‍िंतला ने कहा कि ग्रामीण कारीगर आत्मनिर्भर भारत बना रहे हैं। स्थापित संस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए ग्रामीण कारीगरों को ई-कामर्स की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील बनाने की जरूरत है। कहा कि अधिकाधिक कारीगरों को अपनी पहुंच का विस्तार करने के लिए जीईएम पोर्टल पर पंजीकरण करना चाहिए।

    च‍िंतला ने कहा कि हस्तशिल्प और हथकरघा जैसी गतिविधियां देश के सबसे महत्वपूर्ण कुटीर उद्योग हैं, जिससे बड़ी संख्या में ग्रामीण आबादी को आजीविका मिल रही है। उन्होंने डिजिटल कामर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) के साथ नाबार्ड कदमताल कर रहा है जो देश में ई-मार्केट‍िंग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की बड़ी पहल है। ओएनडीसी मानकीकरण करेगा, स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं को शामिल करेगा सिस्टम की दक्षता को बढ़ाएगा और उपभोक्ताओं के लिए मूल्य में वृद्धि करेगा। उन्होंने कहा कि नाबार्ड ओएनडीसी की 100 करोड़ रुपये की पूंजी में 10 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पहले निवेशकों में से एक है। नाबार्ड ने चार करोड़ की अनुदान के साथ जीआइ के तहत 156 उत्पादों के पंजीकरण के लिए वित्तीय सहायता की है। 25 उत्पादों ने जीआइ प्रमाणन प्राप्त कर लिया है, जबकि शेष 131 उत्पाद प्रमाणन प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं।

    25 राज्यों में 17000 कारीगरों व बुनकरों को दी सहायता: नाबार्ड ने 25 राज्यों के लगभग 17000 ग्रामीण कारीगरों और बुनकरों को 58 ओएफपीओ के संवर्धन के लिए सहायता दी है। इन ओएफपीओ को प्रशिक्षण और कौशल उन्नयन, कच्चे माल की आपूर्ति के साथ उत्पादों के विपणन के माध्यम से सामूहिक व्यापार में शामिल करना, प्रौद्योगिकी और डिजाइन नवाचार में सहायता, मूल्य वर्धन, सामान्य सुविधा केंद्र जैसी सहायता दी है। इसके अलावा ब्रांड निर्माण, बाजार ल‍िंकेज आदि के माध्यम से उन्हें पोषित किया जा रहा है।

    आज भी सम्मेलन में होगा विकास पर मंथन: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड मंगलवार को भी सहायता प्राप्त गैर कृषि उत्पादक संगठनों (ओएफपीओ) के सदस्यों के साथ अखिल भारतीय सम्मेलन में मंथन करेगा। सम्मेलन में निदेशक बर्ड लखनऊ एसए पांडेय, मुख्य महाप्रबंधक गैर कृषि क्षेत्र विकास विभाग नाबार्ड प्रधान कार्यालय देवाशीष पाढ़ी, मुख्य महाप्रबंधक उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय एसके दोरा, प्रधानाचार्य राष्ट्रीय बैंक स्टाफ महाविद्यालय एसएन मल्लिक के अलावा नाबार्ड के विभिन्न राज्य कार्यालयों के अधिकारियों ने भाग लिया।