Vinay Pathak Corruption Case: सवालों के घेरे में कुलपति विनय पाठक का बायोडाटा, एसटीएफ ने शुरू की जांच
Vinay Pathak Corruption Case छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति पर भ्रष्टाचार के आरोप का मामला। प्राविधिक विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ( ...और पढ़ें
लखनऊ, [ज्ञान बिहारी मिश्र]। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक पर कार्रवाई की तलवार लटकी है। हाईकोर्ट की ओर से पाठक की याचिका खारिज किए जाने के बाद एसटीएफ की टीमें सक्रिय हो गई हैं। एसटीएफ अब पाठक से पूछताछ की तैयारी कर रही है। एसटीएफ को विनय पाठक के खिलाफ कई अन्य दस्तावेज मिले हैं। प्राविधिक विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (टूटा) ने पाठक पर राजभवन उत्तर प्रदेश को गलत जानकारी के साथ बायोडाटा देने का गंभीर आरोप लगाया है।
संघ ने एसटीएफ काे शिकायती पत्र भेजकर पूरे मामले की जांच कर सच्चाई सामने लाने की अपील की है। एसटीएफ को पाठक पर लगे आरोपों से संबंधित दस्तावेज भी मिल गए हैं। आरोप है कि विनय पाठक ने बायोडाटा में खुद को वर्ष 2006 में एसोसिएट प्रोफेसर होने की बात लिखी थी। हालांकि वास्तविकता में वह वर्ष 2007 में इस पर पद कायम थे। गलत जानकारी के साथ भेजे गए बायोडाटा के कारण विनय पाठक वर्ष 2015 में डा. ऐपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय एकेटीयू के कुलपति नियुक्त किए गए।
पाठक पर साहित्यिक चोरी का भी आरोप
संघ की ओर से पाठक पर साहित्यिक चोरी के संगीन आरोप भी लगाए गए हैं। एसटीएफ के सूत्रों का कहना है कि अलग अलग माध्यमों से लोगों के शिकायती पत्र मिल रहे हैं। प्राविधिक विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की ओर से भी कुछ पत्र मिले हैं, जिसकी जांच की जा रही है। कई लोगों ने गोपनीय पत्र भेजकर भी कुलपति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सभी दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है। विवेचना में इन बिंदुओं को शामिल किया जाएगा और साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई होगी।
लोकेशन पता लगा रही पुलिस
इंदिरानगर थाने में एफआइआर दर्ज होने के बाद से विनय पाठक लापता हो गए हैं। पाठक का मोबाइल फोन भी बंद है और वह तब से कानपुर विश्वविद्यालय भी नहीं गए। विश्वविद्यालय में भी कामकाज प्रभावित हो रहा है। पुलिस अब पाठक की लोकेशन का पता लगा रही है। एसटीएफ का कहना है कि नोटिस भेजकर कुलपति को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। कुलपति के बयान दर्ज किए जाएंगे।
इसके साथ ही कमीशन, नियुक्ति, निर्माण और अन्य अनियमितताओं में संलिप्त पाठक के करीबियों से पूछताछ की जाएगी। डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में कमीशन लेने के आरोप में पाठक पर एफआइआर दर्ज की गई थी। एसटीएफ पाठक के करीबी अजय मिश्र और अजय जैन को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है

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