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    घरेलू पर्यटन में पहले स्थान पर आया उत्तर प्रदेश, मंत्री बोले- पर्यटन ही होगा विकसित यूपी का आधार

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 09:07 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश को विकसित बनाने के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर है। 'विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047' कार्यशाला में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने सतत, समावेशी पर्यटन को आधार बताया। 2047 तक वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए रोडमैप पर चर्चा हुई। घरेलू पर्यटन में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। वेलनेस टूरिज्म, आयुष, योग पर ध्यान देने की बात कही गई।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में पर्यटन को और बढ़ावा देकर इसे विकसित उत्तर प्रदेश का आधार बनाने का प्रयास होगा। 'विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047' पर्यटन कार्यशाला में इसकी संभावनाओं पर मंथन किया गया। पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि सतत, समावेशी व समुदाय आधारित पर्यटन ही विकसित उप्र का आधार बनेगा। आने वाले समय में प्रदेश का पर्यटन विकास सामुदायिक भागीदारी, सतत योजना व प्रत्येक क्षेत्र में बेहतर अनुभव पर आधारित होगा।

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    योजना भवन में आयोजित कार्यशाला में वरिष्ठ अधिकारियों, नीति-विशेषज्ञों, शिक्षाविदों व उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए सशक्त, संतुलित व नवाचारी रोडमैप तैयार करने पर पर चर्चा की।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि पर्यटन सदैव व सर्वदा रहने वाला क्षेत्र है। उप्र घरेलू पर्यटन में पहले पायदान पर है। जबकि विदेशी पर्यटन में चौथे स्थान पर है। बीते सात वर्षों के दौरान 2019 का कुंभ और 2025 का महाकुंभ हमारी पर्यटन प्रगति को दर्शाता है।

    पर्यटन के क्षेत्र में कुशल व प्रशिक्षित युवाओं की भागीदारी बढ़ाए जाने पर भी जोर दिया। मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टेट ट्रांसफार्मेशन कमीशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पर्यटन विभाग को वर्तमान में इनबाउंड टूरिज्म पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

    केरल की तर्ज पर प्रदेश में वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। आयुष, योग व पंचकर्म आधारित पर्यटन पर विशेष ध्यान देना होगा। इसके बेहतर परिणाम मिलेंगे। उन्होंने पर्यटन स्थलों के आसपास सफाई की समुचित व्यवस्था को सबसे जरूरी बताया।

    प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति व धर्मार्थ कार्य अमृत अभिजात ने ''''विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047'''' पर्यटन से जुड़ी जानकारियां प्रस्तुतिकरण के माध्यम से साझा की। कहा, प्रदेश में म्यूजियम की वृहद् श्रृंखला है। शौर्य संग्रहालय का काम भी तेजी से चल रहा है।

    पर्यटन में इंटरनेट मीडिया, डिजिटल माध्यम, संस्कृति आधारित पर्यटन, स्किल डेवलपमेंट, स्मार्ट टूरिज्म व टूरिस्ट सेफ्टी पर भी जोर दिया। कहा, लखनऊ को यूनेस्को की क्रिएटिव सिटी आफ गैस्ट्रोनामी के रूप में मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत, नवाचार व पाक-कला की बेमिसाल समृद्धि का वैश्विक उत्सव है।

    दो सत्रों में आयोजित कार्यशाला को महानिदेशक पर्यटन राजेश कुमार, यूपीएसटीडीसी के प्रबंध निदेशक आशीष कुमार व अन्य ने भी संबोधित किया।

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