डिजिटल क्रांति की ओर तेजी से बढ़ रहा उत्तर प्रदेश, IT हब बनने की दिशा में बढ़ रहे कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश देश का 'अगला बड़ा आईटी हब' बन रहा है। सुदृढ़ कानून व्यवस्था और निवेश-अनुकूल नीतियों के कारण राज् ...और पढ़ें

योगी सरकार में उत्तर प्रदेश बन रहा देश का नया आईटी हब
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश अब केवल कृषि या पारंपरिक उद्योगों तक सीमित नहीं है, बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह राज्य देश के 'अगले बड़े आईटी हब' के रूप में उभर रहा है। सुदृढ़ कानून व्यवस्था और निवेश-अनुकूल नीतियों के कारण यूपी आज ग्लोबल टेक कंपनियों के लिए पसंदीदा ठिकाना बन चुका है। वर्तमान में 'सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया' (STPI) के तहत प्रदेश में लगभग 400 आईटी कंपनियां पंजीकृत हैं, जो न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोजगार के द्वार भी खोल रही हैं।
उत्तर प्रदेश का आईटी पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) अब बहुआयामी हो चुका है। राज्य में स्टार्टअप्स से लेकर बहुराष्ट्रीय दिग्गज कंपनियां जैसे माइक्रोसॉफ्ट, टीसीएस (TCS), एचसीएल (HCL), विप्रो, और इंफोसिस अपनी जड़ें जमा चुकी हैं। विशेष रूप से नोएडा और ग्रेटर नोएडा आज डेटा सेंटर और क्लाउड कंप्यूटिंग के वैश्विक केंद्र बन गए हैं।
संतुलित विकास और भविष्य की योजना
सिर्फ एनसीआर ही नहीं, बल्कि अब कानपुर और वाराणसी जैसे शहर भी डिजिटल मानचित्र पर तेजी से उभर रहे हैं। आईटी विशेषज्ञ प्रदीप यादव के अनुसार, सरकार के विजनरी नेतृत्व के कारण ही आज उत्तर प्रदेश में 90 से अधिक ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2026 तक एसटीपीआई पंजीकृत इकाइयों की संख्या 500 के पार पहुंच जाएगी।
युवाओं के लिए वैश्विक अवसर
इन कंपनियों की मौजूदगी और सरकार की 'स्किल डेवलपमेंट' योजनाओं के समन्वय से प्रदेश के युवाओं को अब अपने ही राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर के करियर विकल्प मिल रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्लाउड सर्विसेज पर बढ़ते फोकस ने यूपी को तकनीकी निर्यात (IT Export) के क्षेत्र में एक नई मजबूती प्रदान की है।

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