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    यूपी को देश का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम बनने का गौरव, महिला उद्यमियों ने रचा इतिहास

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 06:33 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश 2025 में भारत का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'उद्यमी प्रदेश' संकल्प के तहत, राज्य ने नवा ...और पढ़ें

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    डिजिटल टीम, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'उद्यमी प्रदेश' के संकल्प ने वर्ष 2025 में एक बड़ी वैश्विक उपलब्धि हासिल की है। उत्तर प्रदेश अब आधिकारिक रूप से भारत का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है। नवाचार और तकनीक के बल पर प्रदेश ने न केवल महानगरों को पीछे छोड़ा है, बल्कि 'स्मॉल टाउन स्टार्टअप्स' की अवधारणा को हकीकत में बदला है। नीतिगत सुधारों और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के कारण यूपी अब निवेशकों और युवा उद्यमियों के लिए देश का पसंदीदा गंतव्य बन चुका है।

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    स्टार्टअप्स की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि

    सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बीते एक साल में उत्तर प्रदेश ने स्टार्टअप पंजीकरण में लंबी छलांग लगाई है:

    कुल स्टार्टअप्स: दिसंबर 2024 में यह संख्या लगभग 16,000 थी, जो दिसंबर 2025 के अंत तक बढ़कर 21,559 हो गई है।

    मान्यता: इनमें से 18,568 स्टार्टअप्स भारत सरकार (DPIIT) द्वारा और 2,991 स्टार्टअप्स 'स्टार्ट इन यूपी' पोर्टल द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।

    आईआईटी कानपुर का योगदान: आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (SIIC) में 521 स्टार्टअप्स के साथ तकनीकी नवाचार को नई गति मिली है।

    नारी शक्ति की धमक: 9,000 स्टार्टअप्स की कमान महिलाओं के हाथ

    इस वर्ष की सबसे सुखद तस्वीर महिला उद्यमिता की रही है। योगी सरकार की महिला स्टार्टअप प्रोत्साहन योजनाओं के परिणामस्वरूप, प्रदेश में 9,000 से अधिक स्टार्टअप्स का संचालन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान ने महिलाओं को वित्तीय बाधाओं से मुक्त कर उन्हें स्वावलंबन और नेतृत्व की ओर अग्रसर किया है।

    नोएडा-लखनऊ से निकलकर 75 जिलों तक पहुंचा नेटवर्क

    योगी सरकार की एक बड़ी सफलता स्टार्टअप्स का विकेंद्रीकरण रही है।

    स्टार्टअप गतिविधियां अब केवल नोएडा, गाजियाबाद या लखनऊ तक सीमित नहीं हैं, बल्कि 75 के 75 जनपदों में सक्रिय हैं।

    बुंदेलखंड, पूर्वांचल और तराई क्षेत्रों में एग्रीटेक, डेयरी, हैंडलूम और फूड प्रोसेसिंग पर आधारित स्टार्टअप्स की बाढ़ आ गई है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिली है।

    इंक्यूबेटर्स और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का मजबूत ढांचा

    नवाचार को संस्थागत समर्थन देने के लिए राज्य में एक विशाल बुनियादी ढांचा तैयार किया गया है:

    इंक्यूबेटर्स: प्रदेश में 76 इंक्यूबेटर सक्रिय हैं जो स्टार्टअप्स को मेंटरशिप और रिसर्च सपोर्ट प्रदान कर रहे हैं।

    सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: हेल्थटेक, ग्रीन एनर्जी और आईटी जैसे क्षेत्रों के लिए 7 विशेष सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए गए हैं।

    ये संस्थान स्टार्टअप्स को न केवल तकनीकी सहायता देते हैं, बल्कि उन्हें बड़े निवेशकों (Angel Investors/VCs) से जोड़ने का भी काम कर रहे हैं।