आय सृजन और आत्मनिर्भरता के नए माध्यम तलाशें नगरीय निकाय : योगी
17 नगर निगमों के महापौरों व पार्षदों 200 नगर पालिकाओं और 545 नगर पंचायतों के अध्यक्षों व सदस्यों से वर्चुअल संवाद किया।

आय सृजन और आत्मनिर्भरता के नए माध्यम तलाशें नगरीय निकाय : योगी
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रत्येक नगर निकाय अपनी कार्ययोजना में नवाचार को स्थान दे और ईज आफ लिविंग की अवधारणा के साथ नागरिक सेवाओं के आधुनिकीकरण को केंद्र में रखे। विकसित यूपी के निर्माण में नगर निकायों की केंद्रीय भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों को आय सृजन और आत्मनिर्भरता के नए माध्यम तलाशने होंगे। अपनी कार्ययोजना बनाते समय सभी नगरीय निकाय इसके लिए प्रयास करें। यह तभी संभव है जब जनप्रतिनिधि स्वयं पहल करें और नागरिकों को इस यात्रा का सक्रिय भागीदार बनाएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘विकसित यूपी-2047’ संवाद शृंखला के तहत सोमवार को प्रदेश के 17 नगर निगमों के महापौरों व पार्षदों, 200 नगर पालिकाओं और 545 नगर पंचायतों के अध्यक्षों व सदस्यों से वर्चुअल संवाद किया। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में प्रदेश की शहरी आबादी कई गुणा बढ़ेगी। ऐसे में नगर निकायों को अपनी सोच और कार्यशैली दोनों को बदलना होगा। शहरी विकास की योजनाएं भविष्य की चुनौतियों और अवसरों को ध्यान में रखकर ही तैयार करनी होगी। हर नगर स्मार्ट सेवाओं, हरीतिमा विस्तार, बेहतर यातायात व्यवस्था और डिजिटल पहुंच का आदर्श बने। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी नगरीय निकायों में विकसित यूपी विषय पर संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। नगर विकास और नियोजन विभाग इस संबंध में आवश्यक प्रबंध करें।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति में नगर निकायों की भूमिका सबसे अहम है। हर नगर निकाय को यह संकल्प लेना होगा कि वह अपने नगर को स्वच्छ, आधुनिक, सुगठित और आत्मनिर्भर बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश इस यात्रा का अग्रणी राज्य है। बीते साढ़े आठ वर्षों में नगरीय निकायों के विकास के क्षेत्र में यूपी ने ऐतिहासिक उपलब्धियां दर्ज की हैं। 127 से अधिक नए नगर निकायों का सृजन और पुनर्गठन, 17 स्मार्ट सिटी का विकास, ई-गवर्नेंस सेवाओं का विस्तार, मेट्रो, आरआरटीएस और रोपवे जैसे आधुनिक परिवहन के प्रयास किए गए हैं। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और सीवरेज की नई योजनाएं इस दिशा में उठाए गए ठोस कदम हैं। लखनऊ और गाजियाबाद नगर निगम ने अपने म्युनिसिपल बांड जारी किए। हर नगरीय निकाय ने ढाई से तीन गुना तक आय बढ़ाई है। निकाय प्रतिनिधियों को विकसित यूपी अभियान के लिए क्यूआर कोड और पोर्टल के माध्यम से आम नागरिकों से सुझाव आमंत्रित करने की प्रक्रिया बताई गई। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे उनके द्वारा इस अभियान से संबंधित भेजे गए पत्र को विभिन्न बैठकों और सभाओं में अनिवार्य रूप से पढ़ें, ताकि सरकार का संदेश हर नागरिक तक पहुंचे।
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