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    PCS मेंस में आए AI, ग्लोबल वार्मिंग और स्टार्टअप से जुड़े सवाल, प्रयागराज-लखनऊ के 34 केंद्रों पर दो शिफ्ट में हुई परीक्षा

    Updated: Sun, 29 Jun 2025 08:36 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा आयोजित पीसीएस मुख्य परीक्षा-2025 प्रयागराज और लखनऊ के 34 केंद्रों पर शुरू हो गई है। प्रयागराज में 6102 और लखनऊ में 8855 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। पहले दिन हिंदी और निबंध लेखन के प्रश्नपत्र हुए। निबंध लेखन में सामयिक विषयों पर अभ्यर्थियों की सोच और विश्लेषण क्षमता का परीक्षण किया गया जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता स्टार्टअप ग्लोबल वार्मिंग जैसे विषय शामिल थे।

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    यूपी के 34 केंद्रों पर दो शिफ्ट में हुई परीक्षा

    राज्य ब्यूरो, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा आयोजित सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) मुख्य परीक्षा-2025 प्रयागराज और लखनऊ में कुल 34 परीक्षा केंद्रों पर प्रारंभ हो गई। इस परीक्षा के लिए प्रयागराज में 6102 और लखनऊ में 8855 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं।

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    पहले दिन की परीक्षा की पहली पाली सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक हिंदी विषय की थी, जबकि दूसरी पाली 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक निबंध लेखन का प्रश्नपत्र हुआ।

    दूसरे प्रश्नपत्र में निबंध लेखन में ऐसे विषयों को चुना गया, जो न केवल समाचारों की सुर्खियों में हैं, बल्कि नीति निर्माण, तकनीकी नवाचार, पर्यावरणीय चिंताओं और समाजशास्त्रीय बदलावों से भी गहराई से जुड़े हैं। इसके माध्यम से अभ्यर्थियों की समसामयिक विषयों पर सोच, अभिव्यक्ति और विश्लेषण क्षमता की परीक्षा ली गई।

    निबंध प्रश्नपत्र को तीन खंडों में विभाजित किया गया, जिसमें प्रत्येक खंड से एक प्रश्न हल करना था।

    कृत्रिम बुद्धिमत्ता: संभावनाएं एवं चुनौतियां से आयोग ने परखना चाहा कि क्या भावी अफसर तकनीकी बदलावों को समझते हैं?

    इसी प्रकार, स्टार्टअप: भारत का भविष्य प्रश्न से युवाओं की उद्यमशीलता, सरकारी योजनाओं की कार्यक्षमता और स्थानीय नवाचार के दृष्टिकोण की परीक्षा ली गई।

    ग्लोबल वार्मिंग: भविष्य के लिए संकट और भारतीय कृषि में तकनीकी नवाचार व सतत विकास जैसे प्रश्न समस्या को स्थानीय से वैश्विक परिप्रेक्ष्य में देखने की परीक्षा लेने वाले रहे। अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत की बढ़ती लोकप्रियता और मेक इन इंडिया और भारतीय अर्थव्यवस्था जैसे प्रश्नों ने भारत की वैश्विक भूमिका के ज्ञान की परख की। वहीं भारत में न्यू वूमन की कल्पना: एक मिथक पर आधारित निबंध लैंगिक समानता, नारी सशक्तिकरण और सामाजिक बदलाव के परिप्रेक्ष्य ज्ञान की परीक्षा लेने वाला रहा।