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    UPPCL: उत्तर प्रदेश में बिजली के प्रीपेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को एसएमएस से मिलेगा बिल

    By Amit Yadav Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Thu, 25 Dec 2025 03:29 PM (IST)

    UPPCL: एसएमएस से बची हुई धनराशि के बारे में अलर्ट भी किया जाता है। इससे समय पर रीचार्ज करने में भी दिक्कत नहीं होती है। उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ मे ...और पढ़ें

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    स्मार्ट प्रीपेड मीटर

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपाेरेशन लिमिटेड ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उपभोक्ताओं को बिजली बिल एसएमएस पर भेजने की तैयारी कर ली है।

    बिजली विभाग ने नवंबर का बिल उपभोक्ताओं को भेजने के साथ ही कहा है कि गलत मोबाइल नंबर होने के कारण किसी को बिल नहीं मिला है तो वह हेल्प लाइन नंबर 1912 पर काल कर सकता है।

    इसके अलावा डिवीजन काउंटर पर जाकर उपभोक्ता मोबाइल नंबर अपडेट करा सकते हैं। एसएमएस से बची हुई धनराशि के बारे में अलर्ट भी किया जाता है। इससे समय पर रीचार्ज करने में भी दिक्कत नहीं होती है। उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ में दो प्रतिशत छूट भी दी जा रही है।

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    बिजली विभाग ने प्रीपेड स्मार्ट मीटर के विरोध के बीच नागरिकों को उसके फायदे की जानकारी भी दे रहा है। इसमें उपभोक्ता को रिचार्ज की गई धनराशि का 30 और 10 प्रतिशत बचने, फिर शून्य होने की जानकारी एसएमएस से दी जाती है।

    धनराशि समाप्त होने के बाद भी तीन दिन का समय रिचार्ज के लिए दिया जाता है। शाम छह बजे से सुबह आठ बजे के बीच, सार्वजनिक अवकाश और रविवार को कनेक्शन नहीं काटा जाता है।

    विभाग के अनुसार समय से बिल न मिलने के कारण होने वाली आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए मोबाइल एप भी लांच किया गया है। बकाया धनराशि व रिचार्ज की जानकारी एप पर मिलने से उपभोक्ता को परेशानी नहीं होगी।

    समय से भुगतान व रीचार्ज करने के लिए वेबसाइट

    uppcl.org, uppcl smart app, csc@sahaj bhim, phonepe, google pay और विभागीय कैश काउंटर पर संपर्क किया जा सकता है। बिजली की रोजाना खपत की जानकारी uppcl smart app पर मिल जाती है।

    इससे उपभोक्ता प्रतिदिन, घंटे-घंटे की खपत देख सकता है और उस पर नियंत्रण रख सकता है। वह यह भी तय कर सकता है कि कौन-सा उपकरण सबसे ज्यादा बिजली खपत कर रहा है। उसे बंद करे बिजली बिल भी कम किया जा सकता है।

    प्रदेश में अब तक लगभग 56 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। इसमें लगभग 36 लाख प्रीपेड हैं। सुरक्षित पारदर्शी और उपभोक्ताओं के हित में होने के बावजूद संतुष्टि के लिए पांच प्रतिशत पुराने नान-स्मार्ट मीटर को चेक मीटर के रूप में लगाया गया है।

    अभी तक कोई भी स्मार्ट मीटर तेज चलता नहीं पाया गया हैं। घरों में लगे इलेक्ट्रानिक और स्मार्ट मीटर एक समान वास्तविक खपत दर्ज करते हैं। इलेक्ट्रानिक मीटर में रीडिंग और बिल मीटर रीडर देते हैं। स्मार्ट मीटर में ये सुविधा आनलाइन और आटोमैटिक है। इसमें बाहरी हस्तक्षेप पूरी तरह समाप्त हो जाता है।