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    UP Weather: यूपी में मानसून की वापसी ने मचाया कहर, धूप और बरसात से ढह रहे मकान, 10 की मौत

    यूपी में मानसून की वापसी ने कहर बरपाया है। भारी बारिश और धूप के कारण घर गिर रहे हैं और लोग मारे जा रहे हैं। पिछले 24 घंटों में कानपुर और आसपास के जिलों में वर्षाजनित हादसों में 10 लोगों की मौत हो गई है। कई घर ढह गए हैं और झोपड़ियां नष्ट हो गई हैं। यमुना और गंगा नदियां उफान पर हैं और कई गांव बाढ़ में फंसे हैं।

    By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 19 Sep 2024 07:27 AM (IST)
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    आगरा में रेलवे पुल के नीचे चौराहे बिजलीघर चौराहे की तरफ जलमग्न हुई सड़क से गुजरते राहगीर।-विनोद अग्रवाल

     जागरण टीम, लखनऊ। लौटता मानसून अब घर उजाड़ने के साथ बीमारी की दावत देता चल रहा है। बुधवार को प्रदेश में वर्षा तो सामान्य रही लेकिन घर गिरने से और बाढ़ का पानी कहीं बढ़ने और कहीं स्थिर रहने से लोग परेशान हैं। सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ है।

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    आसमान में बादल हैं और धूप भी है। इनकी आंख मिचौनी से कच्चे मकान और झोपड़िया बर्बाद हो रही हैं। कानपुर व आसपास के जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान वर्षाजनित हादसों में 10 लोगों की मौत हो गई। मंगलवार शाम से बुधवार सुबह तक रुक-रुकर हुई वर्षा के दौरान कानपुर व आसपास के जिलों में कच्चे घरों और पेड़ गिरने की घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो गई।

    कानपुर देहात में कच्चे मकान के मलबे में दबकर योगेंद्र कुमार की जान गई है। औरैया में प्रकाश मिश्रा व विजय की दीवार में दबकर दम तोड़ दिया। हमीरपुर में वृद्ध रामकुंवर की छत से गिरने से और इटावा में दीवार गिरने से वृद्ध हरि नारायण व रानी देवी की मौत हो गई।

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    कानपुर में घर गिरने से रानी देवी और चंद्रकली, वहीं जलभराव में डूबने से झारखंड के गुमला निवासी ब्लासियूस कुजुर की जान चली गई। आगरा मंडल में मंगलवार शाम से शुरू हुआ वर्षा का दौर बुधवार शाम थमा, लेकिन दो दिनों में हुई बरसात ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया।

    पूरे मंडल में करीब 15 मकान ढह गए और 35 झोपड़ियां नष्ट हो गईं। पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों में छिटपुट वर्षा हो सकती है। वहीं मथुरा में लगातार वर्षा के कारण यमुना उफना गई हैं। बुधवार सुबह ओखला बैराज से 21,022 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार कर 165.10 मीटर पहुंच गया।

    गंगा में नरौरा बांध से चार दिन पहले छोड़ा गया 1.67 लाख क्यूसेक पानी जब मंगलवार को शाहजहांपुर जिले में पहुंचा तो इसके उफान से 20 गांवों का संपर्क कट गया है। जलालाबाद- शमशाबाद राज्य राजमार्ग पर चार फीट तक पानी बहने से बुधवार को नाव चलाई गई। यहां तीन किमी तक सड़क जलमग्न है।

    इटावा जंक्शन से दो किलोमीटर पहले राहतपुरा रेलवे क्रासिंग के पास वर्षा के चलते रेलवे ट्रैक किनारे मिट्टी धंस गई और इटावा-ग्वालियर पैसेंजर यहां से गुजर गई। गनीमत रही कि ट्रेन की रफ्तार 10 किलोमीटर प्रति घंटे थी। आनन-फानन रेलवे अधिकारियों ने ट्रैक की मरम्मत शुरू कराई। करीब साढ़े तीन घंटे तक रेल मार्ग प्रभावित रहा।

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    बदायूं में बुधवार को गंगा खतरे के निशान से नीचे थीं मगर कई गांव बाढ़ में फंसे हैं। प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर बुधवार सुबह तक घट रहा था मगर शाम को घटना बंद हो गया। शाम को दोनों नदियों का जल स्तर स्थिर हो गया। इससे बाढ़ की चिंता सताने लगी है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर अब घटने लगा है।

    मीरजापुर में गंगा खतरा बिंदु से डेढ़ मीटर नीचे 76.19 मीटर पर स्थिर हैं। हालांकि, बलिया में खतरा बिंदु से करीब दो मीटर ऊपर बह रही हैं और एक सेमी की गति से बढ़ाव जारी है। सरयू नदी बलिया में मामूली बढ़ाव के साथ खतरा बिंदु से 73 सेमी ऊपर 64.74 मीटर पर बह रही है।

    मऊ में सरयू का जलस्तर स्थिर है लेकिन नदी अब भी खतरा बिंदु से 55 सेमी ऊपर है। आजमगढ़ में भी सरयू खतरा बिंदु से 1.12 मीटर ऊपर 72.80 मीटर पर स्थिर है। बुधवार को भी नेपाल से 2,78,284 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से सरयू का जलस्तर बढ़ सकता है। मौसम विभाग ने पूरे सप्ताह बादलों की आवाजाही के संकेत दिए हैं।