यूपी में उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर की गुणवत्ता पर उठाए सवाल, थर्ड पार्टी से जांच कराने की मांग
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि 56 लाख ...और पढ़ें

स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की थर्ड पार्टी से जांच कराने की मांग।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए हैं। कहा है कि प्रदेश में अब तक लगाए गए 56 लाख से अधिक स्मार्ट प्रीपेड मीटरों में से महज 34.32 लाख स्मार्ट मीटरों का साइट स्वीकृति परीक्षण (साइट एक्सेप्टेंस टेस्ट) हुआ है।
21.68 लाख मीटर बिना टेस्ट के ही उपभोक्ता परिसर में लगे हैं। ऐसे में यह दावा करना कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर सही तरीके से काम कर रहे हैं, गलत है। सभी मीटरों की गुणवत्ता की थर्ड पार्टी से जांच कराने की मांग की है।
परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा है कि देश के अन्य राज्यों में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की गुणवत्ता की गहन जांच की जा रही है, जबकि प्रदेश में केवल मीटर लगाने के फरमान जारी किए जा रहे हैं।
जिन स्मार्ट प्रीपेड मीटरों का टेस्ट हो चुका है, यदि उनकी थर्ड पार्टी से जांच कराई जाए तो बड़े पैमाने पर तकनीकी खामियां सामने आएंगी। आरोप लगाया है कि मीटर निर्माता कंपनियां साठगांठ के जरिए अपने मीटरों को टेस्ट पास करा रही हैं, जिससे उनका भुगतान शुरू हो सके।
उन्होंने कहा कि 22 दिसंबर तक प्रदेश में लगभग 56.82 लाख स्मार्ट प्रीपेड लगाए जा चुके थे। जिसमें से लगभग 37.43 लाख स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की सहमति के बिना ही प्रीपेड मोड में बदला गया है।
केंद्र सरकार के स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के मुताबिक सभी स्मार्ट प्रीपेड मीटरों का टेस्ट किया जाना अनिवार्य है। इस जांच के बाद ही यह प्रमाणित किया जा सकता है कि मीटर सभी तकनीकी मानकों पर सही हैं।

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