यूपी में 49 ट्रेनिंग एजेंसी क्यों हो गई ब्लैकलिस्ट? कौशल विकास मिशन युवाओं को रोजगार से जोड़ने में हुआ सख्त
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए सख्त कदम उठा रहा है। लापरवाही बरतने वाली 49 एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट किया गया है। प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। वर्तमान में 31415 प्रशिक्षु प्रशिक्षण ले रहे हैं। अब तक 290429 युवाओं को रोजगार मिला है। मिशन का लक्ष्य युवाओं को कौशल आधारित रोजगार प्रदान करना है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (यूपीएसडीएम) अब पहले से कहीं अधिक सख्ती बरत रहा है। सिर्फ कागजी खानापूर्ति से काम नहीं चलेगा। प्रशिक्षण देने वाली एजेंसियों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देना ही होगा, वरना उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
पिछले एक वर्ष में 49 प्रशिक्षण एजेंसियों को लापरवाही के कारण ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है। इन एजेंसियों को भविष्य में किसी भी योजना के तहत प्रशिक्षण देने का मौका नहीं मिलेगा। मिशन की ओर से युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षण व्यवस्था पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
युवाओं को रोजगार से जोड़ने की इस मुहिम में अब पूरी पारदर्शिता और वास्तविक काम पर जोर दिया जा रहा है। मिशन की टीम प्रशिक्षण केंद्रों की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही है। स्थानीय स्तर पर युवाओं को कौशल आधारित रोजगार दिलाने के लिए प्रशिक्षण की गुणवत्ता ही सबसे बड़ा पैमाना बना है।
यही कारण है कि अब तक की उपलब्धियां भी प्रभावशाली रही हैं। फिलहाल मिशन से जुड़े 1502 ट्रेनिंग पार्टनर, 275 सक्रिय केंद्र, 585 पाठ्यक्रम, 996 बैच और 31,415 प्रशिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश स्तर पर कौशल विकास की रफ्तार तेज हुई है। प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर बढ़ी निगरानी और कार्रवाई का असर यह है कि अब हर कदम पर बेहतर परिणाम मिल रहा है।
दो लाख 90 हजार युवाओं को रोजगार मिला
प्रदेश में अब तक 12,627 प्रशिक्षण केंद्र खोले गए, 3249 पाठ्यक्रम शुरू हुए और 15,10,653 युवाओं का नामांकन हुआ। इनमें से 7,77,152 ने प्रशिक्षण पूरा किया, जबकि 6,80,804 का मूल्यांकन हो चुका है। सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि 2,90,429 युवाओं को रोजगार मिला।
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