UP में सभी प्राइमरी स्कूलों का कराया जाएगा सेफ्टी ऑडिट, क्लासरूम से लेकर खेल मैदान तक... परखी जाएंगी व्यवस्थाएं
उत्तर प्रदेश के सभी विद्यालयों में सुरक्षा ऑडिट कराया जाएगा। भवन खेल के मैदान और प्रयोगशालाओं में सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा। अग्निशमन यंत्रों के साथ-साथ आपदा के समय सुरक्षित निकास की व्यवस्था भी होगी। साल में दो बार मॉकड्रिल कर तैयारी परखी जाएगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी जिलों को यह निर्देश भेजे गए हैं।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सभी विद्यालयों का जल्द सुरक्षा ऑडिट कराया जाएगा। भवन, खेल के मैदान व प्रयोगशालाओं में सुरक्षा से संबंधित किन-किन बातों का विशेष ख्याल रखा जाना है, इसके अहम बिंदुओं की सूची भी तैयार कर भेजी गई है।
यही नहीं स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की ओर से साल में दो बार मॉकड्रिल कर तैयारी परखने के निर्देश दिए गए हैं। अग्निशमन यंत्रों के साथ-साथ आपदा के समय सुरक्षित निकास की व्यवस्था हो इसका विशेष ख्याल रखने के भी आदेश दिए गए हैं।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी जिलों को यह निर्देश भेजे गए हैं। महानिदेशालय ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से मानक के अनुसार, सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जाएं, इसकी सूची तैयार कर भेजी है।
कई व्यवस्थाएं परखी जाएंगी
पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता योगेन्द्र सिंह की ओर से भेजे गए पत्र के मुताबिक, विद्यालय भवन में छत व दीवारों में दरार न हो, फाल्स सीलिंग ढीली न हो, कक्षा कक्ष में दीवारों का प्लास्टर ठीक हो, प्रवेश व निकास की समुचित व्यवस्था हो, स्कूल के सभी गलियारे बाधा रहित हों, फर्श का टाइल्स टूटा न हो और वह अत्याधिक फिसलन वाली न हो।
हफ्ते में एक बार बल्ब और ट्यूबलाइन चेक करने के निर्देश
ऐसे ही बिजली से संबंधित जिन जोखिमों को दूर करना है। उनमें बिजली के तार लटके न हों, शॉर्ट सर्किट से बचने को एमसीबी की व्यवस्था हो और बिजली, गर्म करने एवं एयर कंडीशनिंग की सख्त निगरानी न हो और यह रात भर खुले न हों। ऐसे ही कम रोशनी वाले क्षेत्रों की पहचान करें, क्योंकि यहां पर शोषण किया जा सकता है, इसलिए हफ्ते में एक बार सभी बल्ब व ट्यूबलाइट चेक करें।
खेल के मैदानों की भी व्यवस्थाएं जांची जाएंगी
वहीं खेल के मैदान में जंग लगी हुई लोहे की राड व नुकीले कोने न हों। अग्निशमन यंत्रों की जांच कराई जाए, स्थानीय पुलिस स्टेशन व अस्पताल से संबंधित जरूरी नंबर दीवारों पर लिखे जाएं। आग लगने के साथ ही बाढ़ व भूकंप जैसी दैवीय आपदाओं से बचने आकस्मिक निकास व साल भर में दो बार मॉकड्रिल जरूर कराई जाए। सभी विद्यालयों को इन मानकों की जांच के साथ ही सेफ्टी आडिट जल्द कराने के आदेश दिए गए हैं।
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