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    UP Sanskrit Education : संस्कृत परिषद के डिप्लोमा परीक्षा का परिणाम घोषित, जून में सम्पन्न हुई थी द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 06:57 PM (IST)

    UP Sanskrit Education उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के अनुसार पौरोहित्य कर्मकांड में प्रदेश से दो जबकि व्यावहारिक ज्योतिष में चार छात्राओं ने परीक्षा दी। योग विज्ञान पाठ्यक्रम में 15 छात्राएं शामिल रहीं जिससे इन पारंपरिक विधाओं में महिलाओं की बढ़ती रुचि भी उजागर हुई है। चार छात्राओं ने परीक्षा दी।

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    संस्कृत परिषद के डिप्लोमा परीक्षा का परिणाम घोषित

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद द्वारा संचालित एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है। इनमें पौरोहित्य कर्मकांड, व्यावहारिक वास्तुशास्त्र, व्यावहारिक ज्योतिष और योग विज्ञान जैसे पारंपरिक एवं व्यावहारिक विषय शामिल हैं।

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    इन पाठ्यक्रमों की द्वितीय सेमेस्टर परीक्षा 16 जून से 23 जून के बीच आयोजित की गई थी। प्रदेशभर से कुल 277 विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया था, जिनमें से 195 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं। परिषद के अनुसार, पौरोहित्य कर्मकांड में प्रदेश से दो, जबकि व्यावहारिक ज्योतिष में चार छात्राओं ने परीक्षा दी। योग विज्ञान पाठ्यक्रम में 15 छात्राएं शामिल रहीं, जिससे इन पारंपरिक विधाओं में महिलाओं की बढ़ती रुचि भी उजागर हुई है। छात्र-छात्राएं अपना परीक्षा परिणाम परिषद की आधिकारिक वेबसाइट www.upmssp.com पर देख सकते हैं।

    स्थानांतरण के इंतजार में एडेड कालेजों के शिक्षक

    प्रदेश के अनुदानित अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों का स्थानांतरण दो वर्षों से लंबित पड़ा है। इस मुद्दे को लेकर शिक्षक संघ ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। संघ ने पत्र में लिखा है कि वर्तमान स्थानांतरण नीति के तहत अब तक सभी पात्र शिक्षकों का स्थानांतरण हो जाना चाहिए था, लेकिन विभाग द्वारा सिर्फ चुनिंदा शिक्षकों को ही स्थानांतरित किया गया है। इससे शिक्षकों में रोष है।

    संघ पदाधिकारियों डा. मनोज पांडेय और डा. अंशु केडिया ने पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को 15 जून 2025 तक स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था, फिर भी उच्च शिक्षा विभाग इस आदेश का पालन नहीं कर पाया। अब भी 166 शिक्षकों के स्थानांतरण आदेश लंबित हैं, जबकि विश्वविद्यालयों में नया सत्र शुरू हो चुका है।

    स्थानांतरण में देरी से न केवल शिक्षकों की परेशानी बढ़ रही है, बल्कि शैक्षिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही स्थानांतरण आदेश जारी नहीं किए गए तो उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इस कारण पठन-पाठन और प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित हुई तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग की होगी।