यूपी में तीन माह में दो हजार करोड़ रुपये से ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर होंगे तैयार, कामों में तेजी लाने के निर्देश
नाबार्ड की मदद से उत्तर प्रदेश में ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अगले तीन महीनों में 2000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता ...और पढ़ें

तीन माह में दो हजार करोड़ रुपये से ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर होंगे तैयार।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नाबार्ड की मदद से ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अगले तीन माह में दो हजार करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे। यह निर्णय सोमवार को मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में नाबार्ड के ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआइडीएफ) से वित्त पोषित परियोजनाओं से संबंधित वित्तीय वर्ष 2025-26 की हाई पावर कमेटी की बैठक में हुआ।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों एवं नाबार्ड को आपसी तालमेल बढ़ाकर विभिन्न कार्य बिंदुओं पर संयुक्त रूप से कार्य करने के निर्देश दिए। नाबार्ड द्वारा गत वर्षों में किए गए कार्यों की सराहना की।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में तीन हजार करोड़ रुपये के वितरण लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत विभाग पशु चिकित्सालय, लघु सिंचाईं, स्कूल, अस्पताल व ग्रामीण सड़क जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास करा सकते हैं।
नौ माह में विभिन्न विभाग 955 करोड़ रुपये ही खर्च कर सकें हैं। तीन माह में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में कहा गया है कि नाबार्ड और कार्यदायी विभाग मिलकर डिजिटलीकरण पर तेजी से कार्य करें, जिससे परियोजनाओं की स्वीकृति, प्रतिपूर्ति दावे एवं परियोजना पूर्णता प्रमाणपत्र शीघ्रता से आरआईडीएफ वेब पोर्टल पर अपलोड किया जा सके।
मुख्य सचिव ने आरआईडीएफ ऋण पात्रता, न्यूनतम परियोजना आकार व नई वितरण प्रणाली में नाबार्ड की ओर से किए गए बदलावों की जानकारी दी। बैठक में प्रमुख सचिव पशुपालन मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग, प्रमुख सचिव लोक निर्माण अजय चौहान समेत कई अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।

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