यूपी में तकनीक से बदल रही है बिजली वितरण की तस्वीर; चोरी पर लगाम, उपभोक्ताओं को सम्मान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी नवाचार का नेतृत्व कर रहा है। स्मार्ट मीटरिंग और सौर ऊर्जा के व्यापक वि ...और पढ़ें

उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण का डिजिटल परिवर्तन
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजनरी नेतृत्व में उत्तर प्रदेश अब केवल देश का सबसे बड़ा राज्य ही नहीं, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी नवाचार का भी नेतृत्व कर रहा है। वर्ष 2025 प्रदेश की बिजली व्यवस्था के लिए 'पारदर्शिता और डिजिटल बदलाव' का मील का पत्थर साबित हुआ है। स्मार्ट मीटरिंग और सौर ऊर्जा के व्यापक विस्तार ने न केवल राजस्व घाटे को कम किया है, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों को सबसे ऊपर रखते हुए एक जवाबदेह सिस्टम तैयार किया है। यूपी आज स्मार्ट मीटरिंग के जरिए बिजली चोरी रोकने और 'पीएम सूर्य घर' योजना के माध्यम से हरित ऊर्जा को घर-घर पहुँचाने में देश के लिए एक रोल मॉडल बनकर उभरा है।
स्मार्ट मीटरिंग: पारदर्शिता का नया युग
उत्तर प्रदेश में अब तक लगभग 68,24,654 स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जबकि कुल 3.09 करोड़ मीटरों की स्वीकृति दी गई है। यह केवल एक उपकरण नहीं, बल्कि उपभोक्ता के विश्वास का प्रतीक है। अब उपभोक्ताओं को अनुमान आधारित बिलों से मुक्ति मिल रही है और वे वास्तविक खपत के आधार पर सटीक बिल प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शब्दों में, "स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम उपभोक्ता के प्रति हमारी जवाबदेही और डिजिटल सुधार का संगम है।"
डीटी और फीडर मीटरिंग से सुधरी आपूर्ति
बिजली वितरण को आधुनिक बनाने के लिए योगी सरकार ने डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफॉर्मर (DT) मीटरिंग पर जोर दिया है। अब तक 2.29 लाख से अधिक डीटी मीटर स्थापित हो चुके हैं, जिससे लाइन लॉस (बिजली की हानि) की पहचान और उसे रोकने में बड़ी सफलता मिली है। इसके साथ ही, 25,224 फीडर मीटर की स्थापना ने आपूर्ति नेटवर्क को इतना मजबूत कर दिया है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।
सौर ऊर्जा और बिल राहत योजना का दोहरा लाभ
यूपी केवल बिजली वितरण ही नहीं, बल्कि उत्पादन के नए विकल्पों पर भी तेजी से काम कर रहा है। पीएम सूर्य घर योजना के तहत प्रदेश में अब तक 3,20,187 सौर ऊर्जा इंस्टॉलेशन पूरे हो चुके हैं, जो प्रदेश को आत्मनिर्भर ऊर्जा की ओर ले जा रहे हैं। वहीं, बकाया बिलों से जूझ रहे उपभोक्ताओं के लिए 'बिजली बिल राहत योजना' संजीवनी साबित हुई है। इस योजना में 16 लाख से अधिक उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है, जिसमें अकेले पूर्वांचल डिस्कॉम से 6 लाख से ज्यादा लोग जुड़े हैं। इस पहल से सरकार को ₹1323 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है।
तकनीक से सशक्त हुआ उपभोक्ता
डिजिटल इंडिया के विजन को धरातल पर उतारते हुए अब यूपी का बिजली उपभोक्ता अपने मोबाइल पर रियल-टाइम खपत देख सकता है। ऑनलाइन भुगतान और पारदर्शी बिलिंग ने विवादों को कम किया है और राजस्व संग्रहण में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है।

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