यूपी में सभी जिलों में साइबर थाना गठित, साढ़े आठ वर्षों में चार से बढ़कर हुए 12 हाइटेक FSL लैब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस मंथन सम्मेलन में यूपी की कानून व्यवस्था को बेहतरीन बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस के प्रति जनता का भरोसा बढ़ा है। प् ...और पढ़ें

सभी जिलों में साइबर थाना गठित।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस मुख्यालय पर आयोजित दो दिनी पुलिस मंथन वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि प्रदेश ने देश दुनिया के सामने कानून व्यवस्था का बेहतरीन माडल रखा है। अब आम लोगों के मन में पुलिस के प्रति भरोसा बढ़ा है। लक्ष्य है कि पुलिस को देखकर अपराधी डरें, लेकिन आम जनता नहीं।
सीएम ने कहा कि पुलिस की ट्रेनिंग क्षमता में बड़ा सुधार हुआ है। वर्तमान में 60,244 पुलिस कार्मिकों की ट्रेनिंग चल रही है। सात जनपदों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में सिर्फ दो साइबर थाने थे। अब सभी जिलों के साइबर थानों में साइबर हेल्पडेस्क स्थापित है।
साढ़े आठ वर्ष में एफएसएल लैब की संख्या चार से बढ़कर 12 हो गई है। छह नई लैबों का निर्माण चल रहा। उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फारेंसिक साइंस ने देशभर में अत्याधुनिक प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में नई पहचान बनायी है। सीएम ने बीट पुलिसिंग में सुधार एवं तकनीकी दक्षता के लिए ‘यक्ष’ ऐप का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसडीआरएफ और यूपीएसएसएफ जैसी इकाइयां सफलतापूर्वक संचालित हैं। बैरक अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ हाईराइज बिल्डिंग के रूप में स्थापित हो चुके हैं। यूपीपीआरवी 112 के रिस्पांस टाइम को 65 मिनट से घटाकर छह से सात मिनट किया जा चुका है। 17 नगर निगमों को सेफ सिटी बनाने का लक्ष्य दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने ‘आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वत’कहते हुए पुलिस अधिकारियों को आगे बढ़ने की सीख दी। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश में जीरो टालरेंस की नीति ने अपराध पर अंकुश लगा दिया।
पहले पुलिस के बारे में लोगों की धारणा नकारात्मक थी, लेकिन बीट पुलिसिंग, एंटी रोमियो स्क्वायड जैसे बदलावों से आम जनमानस का भरोसा बढ़ा है। पारदर्शी एवं समयबद्ध भर्ती प्रक्रिया पर विशेष बल दिया गया।
प्रत्येक थाने पर महिला बीट का गठन किया गया है। एटीएस जैसी विशेषज्ञ एजेन्सियों का पुनर्गठन किया गया है। पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य की पुलिस व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार किये गये हैं।
वर्ष 2017 से अब तक दो लाख 19 हजार पुलिस कार्मिकों की भर्ती की गयी है। उत्तर प्रदेश पुलिस तकनीक के प्रयोग के मामले में देश के अनेक राज्यों में अग्रणी स्थान पर है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इस दो दिनी सम्मेलन में पहले दिन बीट पुलिसिंग; महिलाओं, बच्चों के प्रति अपराध तथा मानव तस्करी विरोधी अभियान, थाना प्रबन्धन एवं उन्नयन, साइबर अपराध; मानव संसाधन विकास, कल्याण, पुलिस व्यवहार एवं प्रशिक्षण, अभियोजन एवं कारागार जैसे विषय रहेंगे।
दूसरे दिन आपदा प्रबन्धन, सिविल डिफेंस एवं होमगार्ड्स, विशाल जनसमूह प्रबन्धन, इण्टेलीजेंस एवं उभरती चुनौतियां जैसे सोशल मीडिया, गैर-सरकारी संगठन और नेपाल सीमा, आतंकवाद निरोधक, मादक पदार्थ, गौ-तस्करी व संगठित अपराध पर चर्चा होगी।

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