यूपी में प्लेज पार्कों की स्थापना पर खर्च होंगे 8 हजार करोड़ रुपये, पांच परियोजनाएं हुई पूरी, सात अधूरी
उत्तर प्रदेश में MSME को बढ़ावा देने के लिए 12 प्लेज पार्क स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें 8929.39 करोड़ रुपये का निवेश होगा। 159.55 एकड़ भूमि पर बन रह ...और पढ़ें

मनोज त्रिपाठी, लखनऊ। राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई प्लेज पार्क परियोजना के तहत पांच प्लेज पार्कों की स्थापना का कार्य पूरा किया जा चुका है, जबकि सात का काम अभी अधूरा है।
जिन प्लेज पार्कों को स्थापित किया जा चुका हैं उनमें अलीगढ़ में मेसर्स अलीगढ़ हार्डवेयर प्लेज पार्क प्राइवेट लिमिटेड, कानपुर देहात में मेसर्स संजीवनी फर्टिलाईजर एवं केमिकल प्लेज पार्क प्राइवेट लिमिटेड, झांसी में रानी लक्ष्मी बाई प्लेज पार्क, संभल में हिंदुस्तान इंडस्ट्रियल प्लेज पार्क और मेरठ में मेरठ इंडस्ट्रियल प्लेज पार्क फेज-1 शामिल हैं।
औद्योगिक विकास विभाग ने वर्ष 2023 में एमएसएमई उद्योगों के लिए निजी निवेशकों द्वारा प्लेज पार्कों की स्थापना की योजना पर काम शुरू किया है। इन पार्कों को 10 से 50 एकड़ में स्थापित किया जाना है। योजना के तहत राज्य में 159.55 एकड़ भूमि पर निजी निवेशकों द्वारा 12 प्लेज पार्क स्थापित किए जा रहे हैं।
8929.39 करोड़ रुपये की इस परियोजना के तहत औद्योगिक विकास विभाग की तरफ से प्लेज पार्कों तक सड़कों का निर्माण, जल निकासी, बिजली व पेयजल की सुविधा निवेशकों का उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं सरकार ने प्लेज पार्कों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए 12 मीटर चौड़ी सड़क की शर्त भी समाप्त कर दी है।
अब सात मीटर चौड़ी सड़कों पर स्थापित होने वाले प्लेज पार्कों में प्रदूषण न फैलाने वाली इकाइयों की स्थापना की जा सकेगी। साथ ही 12 मीटर चौड़ी सड़कों पर हर प्रकार के उद्योग स्थापित करने का नियम सरकार ने बनाया है।
अलीगढ़, कानपुर देहात, झांसी, संभल और मेरठ में स्थापित हो चुके प्लेज पार्कों में 36 इकाईयों का संचालन भी शुरू किया जा चुका है। हालांकि मथुरा, सीतापुर, अमरोहा व मुरादाबाद में प्लेज पार्कों की स्थापना का कार्य धीमी रफ्तार में चल रहा है। अभी तक इनके नक्शे भी पास नहीं हो सके हैं।
उन्नाव, सहारनपुर व हापुड़ के नक्शे पास हो चुके हैं और स्थापना का कार्य चल रहा है। एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि इन पार्कों की स्थापना के बाद राज्य में निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना को और बढ़ावा मिलेगा।

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