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    यूपी के गांवों में विकास कार्य तेज करने में जुटा पंचायती राज विभाग, मंत्री राजभर बोले- लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 09:34 AM (IST)

    पंचायती राज विभाग चालू वित्तीय वर्ष में विकास कार्यों पर आवंटित बजट का केवल 22.43% ही खर्च कर पाया है। मुख्यमंत्री की समीक्षा के बाद विभाग ने कार्य मे ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पंचायती राज विभाग चालू वित्तीय वर्ष का साढ़े आठ महीने बीत जाने के बाद भी बजट में आवंटित विकास कार्यों की कुल धनराशि का एक चौथाई हिस्सा नहीं खर्च कर सका है। अब तक महज 22.43 प्रतिशत धनराशि ही विकास कार्यों पर खर्च किए गए हैं।

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    शासन स्तर से बजट स्वीकृति की गति सुस्त रही है। कुल बजट में से 35.64 प्रतिशत धनराशि ही शासन ने स्वीकृत किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बजट खर्च पर समीक्षा के बाद विभाग ने विकास कार्यों को तेज कराने की कवायद शुरू की है।

    विभागीय मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उपलब्ध बजट से प्रस्तावित विकास कार्यों को तेजी से कराएं। इस काम में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगले साल होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को देखते हुए सरकार का ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से विकास कार्य कराए जाने पर है।

    चालू वित्तीय वर्ष 2025-26में पंचायती राज विभाग को विकास कार्यों के लिए 950.26 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। 15 दिसंबर तक के आंकड़े बताते हैं कि प्रविधानित कुल बजट में से 35.64 प्रतिशत यानी 338.68 करोड़ रुपये की स्वीकृतियां शासन से जारी की गई हैं।

    विभागाध्यक्ष द्वारा शासन से स्वीकृति बजट की पूरी 100 प्रतिशत धनराशि विकास कार्यों के लिए आवंटित किए जा चुके हैं। जिसमें से 213.14 करोड़ रुपये विकास कार्यों पर खर्च किए गए हैं। इस वर्ष विकास कार्यों के लिए प्रविधानित कुल बजट के मुकाबले 22.43 प्रतिशत धनराशि ही खर्च किया जा सका है। शेष बचे साढ़े तीन माह में 77.57 प्रतिशत बजट खर्च करने की चुनौती है।

    प्रमुख सचिव अनिल कुमार का कहना है कि विकास कार्यों के बजट का उपभोग शीघ्रता से करने के लिए अधिकारियों से कहा गया हैं। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ा प्रोजेक्ट ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी बनाने की है। इस योजना के लिए पहले चरण में 450 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से मिल चुके हैं। दूसरे चरण में भी 450 करोड़ रुपये केंद्र से शीघ्र मिलने वाले हैं। जिससे अधिक से अधिक पंचायतों को इस योजना से आच्छादित कर दिया जाएगा।