यूपी में धान खरीद लक्ष्य से पीछे या आगे? आंकड़ों ने साफ कर दी मोटे अनाज की भी पिक्चर
उत्तर प्रदेश में धान और मोटे अनाज की सरकारी खरीद लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है। 60 लाख टन धान खरीद के लक्ष्य के मुकाबले अब तक केवल 31.60 लाख टन ही खरी ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। धान और मोटे अनाज की सरकारी खरीद लक्ष्य से पिछड़ती नजर आ रही है। धान की खरीद का लक्ष्य 60 लाख टन का है, परंतु अब 87 दिनों में 31.60 लाख टन की ही खरीद हुई है, जो कि लक्ष्य के आधे से थोड़ी अधिक है। क्रय केंद्रों पर व्यवस्थाएं, फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (एफआरके) की पर्याप्त आपूर्ति न होने जैसी दिक्कतों से खरीद गति नहीं पकड़ पा रही।
सरकार ने अधिक खरीद के लिए क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ाने के साथ एफआरके की आपूर्ति के लिए वेंडर्स की संख्या में भी बढ़ोतरी की है, परंतु उसका बहुत अधिक प्रभाव होता नजर नहीं आ रहा। वहीं मोटे अनाज (बाजरा, ज्वाद और मक्का) की खरीद भी धीमी है और उनका भी खरीद लक्ष्य पूरा न हो पाने की आशंका जताई जा रही है। एक अक्टूबर से पश्चिमी उप्र से धान की खरीद का सिलसिला शुरू हुआ था और इसके बाद एक नवंबर से पूर्वी उप्र में भी खरीद चल रही है।
इसके लिए शुरुआत में 3300 केंद्र का संचालन किया गया था। खरीद की गति बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ने इनकी संख्या पांच हजार करने के निर्देश दिए थे, पिछले एक माह में क्रय केंद्रों की संख्या 4819 तक पहुंच चुकी है। वहीं एफआरके की आपूर्ति न होने से मिलों द्वारा कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) आगे नहीं भेज पा रहे थे। ऐसे में क्रय केद्रों पर धान का स्टाक काफी समय तक पड़ा रहा और वहां खरीद लगभग ठप रही।
बाद में इनके वेंडर्स की संख्या बढ़ने के बाद स्थिति थाेड़ी ठीक हुई है। हालांकि एफआरके की आपूर्त को लेकर अब समस्या होने की बात कही जा रही है। इस सबके चलते खरीद पिछड़ती दिख रही है। शुक्रवार तक 5,13,710 किसानों से 31,60,200 टन धान की खरीद हुई थी। क्रय नीति के तहत पश्चिमी उप्र में 31 जनवरी और पूर्वी उप्र में 28 फरवरी तक क्रय केंद्रों का संचालन होना है और बहुत से किसान अपनी उपज का विक्रय कर चुके हैं, ऐसे में रफ्तार बढ़ने की उम्मीद कम है।
वहीं एक अक्टूबर से शुरू हुई मोटे अनाज की खरीद में शुक्रवार तक 1,90,847 टन बाजरा, 33,822 टन ज्वार और 10,601 टन मक्का की खरीद हुई है। इस बार बाजरा के लिए 2.20 लाख टन, ज्वार के लिए 50 हजार टन और मक्का के लिए 15 हजार टन की खरीद का लक्ष्य है। इनकी खरीद 31 दिसंबर तक ही होनी है, ऐसे में मोटे अनाज का क्रय लक्ष्य भी पूरा होना मुश्किल माना जा रहा है।

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