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    UP News: 888 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली ने छुड़ाया अमीन का पसीना, पोर्टल पर ऋण वसूली की गलत रकम दर्ज करने का मामला

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 11:49 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में राजस्व परिषद के ऑनलाइन वसूली पोर्टल पर गलत जानकारी दर्ज होने से संग्रह अमीनों को परेशानी हो रही है। कई मामलों में वास्तविक ऋण वसूली की राशि की जगह करोड़ों रुपये दर्ज किए जा रहे हैं। जिससे अमीनों को सही जानकारी प्राप्त करने में दिक्कत हो रही है। राजस्व परिषद इस प्रणाली को सुधारने का प्रयास कर रहा है।

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    888 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली ने छुड़ाया अमीन का पसीना

    मनोज त्रिपाठी, लखनऊ। राजस्व परिषद के ऑनलाइन वसूली पोर्टल पर दर्ज हो रही गलत जानकारियां ऋण वसूली करने वाले संग्रह अमीनों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। राजस्व परिषद के संज्ञान में इस प्रकार के कई मामले आए हैं, जिनमें ऋण वसूली की रकम हजारों में हैं, लेकिन पोर्टल पर संबंधित बैंकों व संस्थाओं ने उसे करोड़ों में दर्ज किया है। 

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    इसी प्रकार का एक मामला लखनऊ में स्थित यूको बैंक की कृष्णा नगर शाखा है। इस शाखा से पंकज कुमार नामक व्यक्ति से ऋण वसूली के लिए आरसी (वसूली प्रमाणपत्र) संख्या 20242403052000022 को पोर्टल पर दर्ज किया गया। 

    बैंक कर्मी ने वसूली की सही रकम 7,654 रुपये की बजाय पोर्टल पर 8,88,75,67,243 रुपये दर्ज की। इतनी बड़ी रकम की वसूली की जानकारी जब अमीन को मिली तो पसीने छूट गए। बैंक से पड़ताल की गई तो पता चला कि गलती से मोबाइल नंबर दर्ज कर दिया गया है।

    राजस्व परिषद ने विभिन्न सरकारी विभागों व बैंकों की ऋण वसूली के लिए ऑनलाइन वसूली पोर्टल तैयार किया है। इस पोर्टल पर बैंक व संबंधित विभाग ऋण वसूली के मामले दर्ज करते हैं। 

    दर्ज मामले जिस क्षेत्र के अमीन से संबंधित होते हैं, उन्हें ऑनलाइन स्थानांतरित कर दिए जाते हैं। इसके बाद संग्रह अमीन संबंधित व्यक्ति से संपर्क कर ऋण वसूली करते हैं।

    ऋण वसूली के काम को लेकर सरकारी विभागों व बैंकों के कर्मचारी कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पोर्टल पर वसूली की रकम दर्ज करने के स्थान पर खाता संख्या, मोबाइल नंबर व बिजली के कनेक्शन नंबर दर्ज किए जा रहे हैं। 

    इसी प्रकार का एक मामला संत कबीर के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की रोसया बाजार शाखा का भी है। बैंक कर्मी ने आरसी संख्या 20222412111000035 के तहत रमेश नामक व्यक्ति से वसूली के लिए 2299012715 रुपये की रकम दर्ज की थी। 

    बैंक से पड़ताल की गई तो पता चला कि ऋण वसूली की सही रकम 64,311 रुपये है और जो रकम दर्ज की गई है वह ऋण लेने वाले व्यक्ति का ऋण खाता संख्या थी।

    एक अन्य मामले में बिजली विभाग हुसैनगंज की तरफ से बिल वसूली के लिए आरसी संख्या 2024117157000018 के तहत पोर्टल पर 6207201000 रुपये की रकम दर्ज की गई। 

    संबंधित संग्रह अमीन ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि बिल वसूली की सही रकम 89,330 रुपये है, लेकिन इसके स्थान पर बिजली के कनेक्शन का खाता नंबर दर्ज कर दिया गया है। 

    इस प्रकार के मामलों को सही करवाने में समय बर्बाद होता है। इस बारे में राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार का कहना है कि विभाग ऑनलाइन प्रणाली में कई सुधार कर रहा है।