UP News: यूपी में 1590 जर्जर स्कूल भवनों का 150 करोड़ से होगा कायाकल्प, 1033 की होगी मरम्मत
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार जर्जर स्कूल भवनों को सुधारने के लिए 150 करोड़ रुपये खर्च करेगी। 1590 जर्जर स्कूल भवनों का पुनर्निर्माण और मरम्मत की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जर्जर भवनों से खतरे की स्थिति में अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। बरसात के बाद काम शुरू होगा और अगले वर्ष मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य है। बाढ़ से हर साल कई स्कूल ढह जाते हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख के बाद राज्य के जर्जर परिषदीय स्कूल भवनों के कायाकल्प की प्रक्रिया अब तेज होगी। मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान ही 1590 जर्जर स्कूल भवनों का पुनर्निर्माण और मरम्मत की जाएगी।
इनमें से 557 जर्जर भवनों को जहां ध्वस्त कर पुनर्निर्माण किया जाएगा वहीं 1033 की मरम्मत कर उन्हें पूरी तरह से सुरक्षित और सुंदर बनाया जाएगा।
इस बीच बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी जर्जर स्कूल भवन से कोई हादसा होता है तो संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) जिम्मेदार होंगे।
दैनिक जागरण की ओर से विद्यालयों के भवनों की जर्जर स्थिति और जोखिम को लेकर समाचारीय अभियान का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने सभी विद्यालयों की जांच कराने और जर्जर भवनों को ध्वस्त किए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ध्वस्तीकरण, सत्यापन, मूल्यांकन और निर्माण की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने में जुट गया है। प्रदेश में करीब एक लाख 32 हजार परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं।
पिछले पांच वर्ष में बेसिक शिक्षा विभाग ने 8,128 विद्यालयों की मरम्मत और पुनर्निर्माण किया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1033 विद्यालय भवनों की मरम्मत और 557 भवनों का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
इस पर लगभग 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बरसात के बाद संबंधित विद्यालयों की मरम्मत और नए सिरे से निर्माण के कार्य को तेजी से शुरू किया जाएगा ताकि सभी कार्य अगले वर्ष मार्च तक पूरे हो जाएं।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि नए सिरे से सर्वे कर और भी जर्जर स्कूल भवनों की पहचान की जा रही है। जिन भवनों को तकनीकी समिति द्वारा जर्जर घोषित कर दिया जाता है उसमें किसी भी तरह की शैक्षणिक गतिविधि नहीं हो सकती। बच्चों की पढ़ाई के लिए वैकल्पिक कक्ष, पंचायत भवन, ग्राम सचिवालय जैसे सुरक्षित स्थानों पर व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रति वर्ष बाढ़ से ढह जाते हैं 8 से 10 स्कूल
प्रति वर्ष बाढ़ ग्रस्त इलाकों में 8 से 10 स्कूल ढह भी जाते हैं। इस बार भी बलिया जिले के कई विद्यालयों को नुकसान पहुंचा है। बारिश के मौसम में छतों पर पानी भरने, पत्ते जमने और जलनिकासी की कमी से भवनों में सीलन व क्षरण की समस्या बढ़ गई है।
इस समस्या से निपटने के लिए नगर व ग्राम पंचायतों को नियमित सफाई और जलनिकासी की व्यवस्था करने को कहा गया है, ताकि स्कूल भवनों की उम्र बढ़े और मरम्मत पर खर्च कम हो। इसके अलावा जो भवन पूरी तरह से अनुपयोगी हैं, उन्हें 'निष्प्रयोज्य' घोषित कर सील करने के निर्देश दिए गए हैं।
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