UP News: छह माह बाद भी एक से आठ तक के विद्यार्थियों को नहीं मिलीं निशुल्क पुस्तकें
Free Books From Government बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से हर वर्ष प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए निशुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं। ये पुस्तकें बाजार से खरीदी भी नहीं जा सकतीं क्योंकि इनका मुद्रण केवल सरकारी स्तर पर होता है और वितरण केंद्रों के माध्यम से ही स्कूलों तक भेजा जाता है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: शैक्षणिक सत्र 2025-26 शुरू हुए छह माह बीत चुके हैं, लेकिन प्रदेश के कई जिलों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को अब तक निश्शुल्क पुस्तकें पूरी तरह उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। हालात यह हैं कि हजारों विद्यार्थी बिना किताब के ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है और अभिभावक भी गहरी चिंता में हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से हर वर्ष प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए निशुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं। ये पुस्तकें बाजार से खरीदी भी नहीं जा सकतीं, क्योंकि इनका मुद्रण केवल सरकारी स्तर पर होता है और वितरण केंद्रों के माध्यम से ही स्कूलों तक भेजा जाता है। इस बार वितरण में हुई देरी ने विद्यार्थियों को सबसे अधिक परेशान किया है।
सबसे ज्यादा समस्या उन इंटर कालेजों में है, जहां संबद्ध प्राइमरी कक्षाएं भी संचालित होती हैं। लखनऊ सहित कई जिलों में किताबों की अनुपलब्धता बनी हुई है। अभ्यास और गृहकार्य न हो पाने के कारण विद्यार्थी पिछड़ रहे हैं। कस्तूरबा कन्या इंटर कालेज, लखनऊ की प्रिंसिपल मोनिका श्रीवास्तव ने बताया कि छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को अभी तक भूगोल, गृह शिल्प, गृह कौशल, हिंदी, गणित और विज्ञान जैसी महत्वपूर्ण विषयों की पुस्तकें नहीं मिली हैं।
शिक्षकों ने भी मांग उठाई
वहीं, जेपी साहू इंटर कालेज मेहदीगंज के प्रिंसिपल टीपी यादव ने भी कहा कि गणित और विज्ञान जैसी अनिवार्य पुस्तकें बच्चों को अब तक उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। अभिभावकों का कहना है कि किताबें न होने से बच्चों की पढ़ाई अधूरी रह रही है। शिक्षकों ने भी मांग उठाई है कि छात्र संख्या के अनुसार सभी जिलों में तुरंत निशुल्क पुस्तकें भेजी जाएं, ताकि आगामी परीक्षाओं से पहले पढ़ाई की रफ्तार पटरी पर आ सके।
शिक्षण कार्य गंभीर रूप से प्रभावित
इसी मुद्दे पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र लिखकर ध्यान दिलाया है कि कई जिलों में निशुल्क पुस्तकें समय पर न मिलने से शिक्षण कार्य गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। वितरण केंद्रों पर कर्मचारी बार-बार भेजने के बावजूद अब तक किताबों की आपूर्ति नहीं हुई है। अब जबकि अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं का समय आ चुका है, ऐसे में बच्चों के हाथों में किताबें न होना उनके लिए बड़ी परेशानी का कारण है।
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