योगी सरकार ने विधायकों और मंत्रियों के वेतन व भत्ते में की जबरदस्त बढ़ोतरी, एक अप्रैल 2025 से मिलेगा लाभ
उत्तर प्रदेश सरकार ने विधायकों और मंत्रियों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी की है जिससे उन्हें प्रति माह लगभग 85 हजार रुपये का लाभ होगा। यह वृद्धि 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी और हर पांच साल में प्राइस इंडेक्स के आधार पर स्वतः बढ़ेगी। इस संबंध में विधेयक विधानमंडल के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से पारित हो गया है। अब मंत्रियों को 3.05 लाख रुपये मिलेंगे।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने मानसून सत्र के अंतिम दिन विधायकों व मंत्रियों के वेतन व भत्ते में बढ़ोतरी कर दी है। इससे इन्हें करीब 85 हजार रुपये प्रति माह का लाभ होगा। विधायकों को अब 2.11 लाख रुपये के बजाय 2.96 लाख रुपये प्रति माह मिलेगा। इसमें यात्रा कूपन भी शामिल हैं। मंत्रियों को 2.21 लाख रुपये के स्थान पर अब 3.05 लाख रुपये प्रति माह मिलेगा। इसका लाभ इन्हें एक अप्रैल 2025 से मिलेगा। प्रत्येक पांच वर्ष में प्राइस इंडेक्स के आधार पर इसमें अपने आप वृद्धि हो जाएगी।
विधानमंडल के दोनों सदनों विधान सभा व विधान परिषद में गुरुवार को उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल सदस्य तथा मंत्री सुख-सुविधा विधि (संशोधन) विधेयक 2025 को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। विधान सभा में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने इस विधेयक को पेश किया और मिनटों में ही इसे पास भी करा लिया गया। विधेयक रखते हुए खन्ना ने बताया कि करीब नौ साल पहले अगस्त 2016 में वेतन एवं भत्ते बढ़े थे। सभी दलों की मांग पर कमेटी बनाई गई थी। कमेटी की संस्तुति के आधार पर बढ़ोतरी की गई है। इसके तहत मंत्रियों का वेतन अब 40 हजार रुपये के स्थान पर 50 हजार कर दिया गया है, जबकि विधायकों का 25 हजार रुपये के स्थान पर 35 हजार रुपये प्रति माह किया गया है।
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि विधान परिषद के पूर्व सदस्य को छह वर्ष पूर्ण करने पर दो हजार प्रतिमाह का अतिरिक्त पेंशन दी जाएगी। प्रथम वर्ष के पश्चात प्रतिवर्ष दो हजार रुपये बढ़ते रहेंगे। अगर किसी का कार्यकाल 6 माह या उससे ज्यादा है तो उसे एक पूरा वर्ष माना जाएगा।
वहीं, पारिवारिक पेंशन जो अब तक 25 हजार रुपये थी, वह अब बढ़ाकर 30 हजार कर दी गई है। पूर्व विधायकों के लिए रेलवे कूपन प्रतिवर्ष एक लाख रुपये मिलता था। इसे बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये कर दिया गया है। इसमें रेल और हवाई जहाज के लिए 50 हजार रुपये और निजी वाहन के पेट्रोल-डीजल के लिए एक लाख रुपये नगद ले सकते हैं। अगर बाद में ये बच जाते हैं तो ये भी परिवर्तनीय हैं। इससे सरकार पर कुल मिलाकर 105 करोड़ 63 लाख रुपये की वार्षिक बोझ आएगा।
कार्यकाल पूरा करने के बाद पूर्व विधायकों को 35 हजार रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी। एक कार्यकाल के बाद चाहे अवधि कितनी भी हो प्रत्येक वर्ष के लिए दो हजार रुपये प्रति माह की दर से अतिरिक्त पेंशन मिलेगी। विधान परिषद के सदस्य के रूप में छह वर्ष का प्रथम कार्यकाल पूर्ण करने पर वे दो हजार रुपये की अतिरिक्त पेंशन के हकदार होंगे।
विधायकों को किस मद में मिलेगा कितना वेतन व भत्ता (प्रतिमाह)
मद | वर्तमान | बढ़ोतरी के बाद |
---|---|---|
वेतन | 25 हजार | 35 हजार |
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता | 50 हजार | 75 हजार |
चिकित्सा भत्ता | 30 हजार | 45 हजार |
जनसेवा भत्ता | 45 हजार | 60 हजार |
सचिवीय भत्ता | 20 हजार | 30 हजार |
टेलीफोन | 6 हजार | 9 हजार |
पेट्रोल/डीजल | 25 हजार | 25 हजार |
यात्रा कूपन (वार्षिक) | 1.25 लाख | 2.0 लाख |
यह भी पढ़ें- UP Police: स्वतंत्रता दिवस पर गृह मंत्री और डीजीपी मेडल से सम्मानित होंगे 1960 पुलिसकर्मी, ये नाम हैं शामिल
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।