NEET Counseling : नीट काउंसिलिंग व सीट वृद्धि की जिम्मेदारी कार्यवाहक एडी व जेडी पर, कामचलाऊ व्यवस्था
UP Medical Education News चिकित्सा शिक्षा विभाग की महानिदेशक किंजल सिंह के मुताबिक विभाग में अपर निदेशक और संयुक्त निदेशक के पद को राजकीय मेडिकल कालेजों में कार्यरत आचार्यों व सह आचार्यों (प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर) में से पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने की व्यवस्था है। उनके नाम शासन से स्वीकृत हुए हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : चिकित्सा शिक्षा विभाग में नीट की यूजी व पीजी काउंसिलिंग, सीट वृद्धि, अनिवार्य सेवा बांड काउंसिलिंग, नये मेडिकल कालेजों की स्थापना आदि कार्यों के लिए कामचलाऊ व्यवस्था के तहत एक कार्यवाहक अपर निदेशक और दो कार्यवाहक संयुक्त निदेशक तैनात किए गए हैं। इन पदों को पदोन्नति से भरने के लिए अभी तक विभागीय चयन समिति की कार्यवाही नहीं हो सकी है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग की महानिदेशक किंजल सिंह के मुताबिक विभाग में अपर निदेशक और संयुक्त निदेशक के पद को राजकीय मेडिकल कालेजों में कार्यरत आचार्यों व सह आचार्यों (प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर) में से पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने की व्यवस्था है।
इन पदों को भरने के लिए डीपीसी की कार्यवाही अभी नहीं की गई है। इस समय मेडिकल कालेजों में नान फंक्शनल सेलेक्शन आचार्य पदधारक भी नहीं हैं, जिसके कारण अपर निदेशक के पद पर नियमित चयन करने में दिक्कते हैं। संयुक्त निदेशक पद पर नियमित चयन होने पर चिकित्सा शिक्षक संवर्गीय के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही नहीं की जा सकेगी।
रोचक तथ्य यह भी है कि अपर निदेशक और संयुक्त निदेशक का वेतनमान आचार्य एवं सह आचार्य के वेतनमान से कम है। जिस कारण नियमित चयन करा पाने में दिक्कते हैं। महानिदेशक के मुताबिक नियमित चयन कराने में विधिक अड़चन को देखते हुए कामचलाऊ व्यवस्था के तहत अपर निदेशक व संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यवाहक के रूप में आचार्य व सह आचार्य तैनात किए गए हैं। कामचलाऊ व्यवस्था के तहत जिनकी तैनाती की गई है, उनके नाम शासन से स्वीकृत हुए हैं।
प्रमुख चिकित्सा शिक्षा शिक्षा पार्थसारथी सेन शर्मा ने कहा है कि महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा द्वारा कुछ अधिकारियों की तैनाती का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे स्वीकृत किया गया है। गौरतलब है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग में एक कार्यवाहक अपर निदेशक और दो कार्यवाहक संयुक्त निदेशक की तैनाती को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
इन पदों पर कार्यवाहक के रूप में अधिकारियों की तैनाती मई में ही की जा चुकी है। सैफई मेडिकल कालेज के डा. आलोक कुमार को कार्यवाहक अपर निदेशक बनाया गया है। इनके पास स्टेट मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रार के पद पर काम करने का अनुभव है। वहीं बांदा मेडिकल कालेज के डा. गुलजारी लाल और जीएसवीएम कालेज कानपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. सचिन कुमार को संयुक्त निदेशक बनाया गया है।
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