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    बी.फार्मा में प्रवेश की डेडलाइन बढ़ाने से हाई कोर्ट का इनकार, न्यायालय ने कहा- सर्वोच्च अदालत ने स्पष्ट कर दी है अंतिम तिथि 

    Updated: Thu, 01 Jan 2026 02:00 AM (IST)

    इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने शैक्षिक सत्र 2025-26 के बी.फार्मा पाठ्यक्रम में प्रवेश की अंतिम तिथि बढ़ाने का अनुरोध खारिज कर दिया। कोर्ट ...और पढ़ें

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    विधि संवाददाता, लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए बी.फार्मा पाठ्यक्रम में प्रवेश की अंतिम तिथि बढ़ाने से इन्कार कर दिया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित प्रवेश कार्यक्रम से इतर आदेश देने का अधिकार किसी भी प्राधिकरण अथवा हाई कोर्ट को नहीं है।

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    यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने लखनऊ माडल कालेज आफ फार्मेसी की ओर से दाखिल याचिका पर दिया। याचिका में डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह फार्मेसी पाठ्यक्रमों की काउंसलिंग व प्रवेश प्रक्रिया को बढ़ाए। तर्क दिया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने 19 दिसंबर 2025 को मध्य प्रदेश में फार्मेसी की रिक्त सीटों को देखते हुए काउंसलिंग की तिथि बढ़ाई थी।

    नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अंतिम तिथि बढ़ाई

    इसके अतिरिक्त इंडियन नर्सिंग काउंसिल और उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी ने भी नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई है। हालांकि, राज्य सरकार और विश्वविद्यालय की ओर से अदालत को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने पार्श्वनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट मामले में वर्ष 2012 में प्रवेश का विस्तृत कार्यक्रम तय किया था, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि अंतिम तिथि के बाद किसी भी परिस्थिति में प्रवेश नहीं दिया जा सकता।

    इसी आदेश के अनुपालन में सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं 31 अक्टूबर 2025 को बी.फार्मा पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश की समय-सीमा मात्र 15 नवंबर 2025 तक ही रखी थी। न्यायालय ने कहा कि जब सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से अंतिम तिथि तय कर दी है, तो हाई कोर्ट के पास उससे आगे समय बढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है।