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    यूपी में रबी फसलों की बोआई को लेकर आ गया नया अपडेट, किसानों को बीज और उर्वरक कराया जाएगा उपलब्ध

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 07:54 PM (IST)

    इस वर्ष राज्य में 138.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसल बोने का लक्ष्य है जिससे 500.137 लाख टन उत्पादन का अनुमान है। कृषि मंत्री बलदेव सिंह औलख ने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने और रासायनिक उर्वरकों का कम इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया। रबी सीजन में किसानों को पर्याप्त बीज और उर्वरक उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकार किसानों को तकनीक और बाजार तक सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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    138.78 लाख हेक्टेयर में होगी रबी फसलों की बोआई

    राज्य ब्यूराे, लखनऊ। राज्य में इस बार 138.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में रबी फसलों की बोआई की जाएगी। कृषि विभाग ने इसके माध्यम से 500.137 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य रखा है। कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने मंगलवार को राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2025 में किसानों को फसलोत्पादन की रणनीति की जानकारी दी।

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    उन्होंने किसानों से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्वरकों के कम से कम प्रयोग का भी आह्वान किया।

    इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित गोष्ठी में मंत्री ने कहा कि रबी सीजन में किसानों को 55.34 लाख क्विंटल बीज और 66.50 लाख टन उर्वरक उपलब्ध कराया जाएगा। बीज व खाद की पर्याप्त व्यवस्था कर दी गई है। किसानों को पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक खाद उपलब्ध कराई जा रही है, परंतु मिट्टी की सेहत बनाए रखने के लिए किसानों को खाद का संतुलित उपयोग करना चाहिए।

    कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार ने कहा कि हमारी सरकार तकनीक एवं नवाचार तथा बीज से लेकर बाजार तक किसानों का सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों को रबी की बुवाई में किसी भी निवेश की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

    अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य संस्करण बीएल मीणा ने कहा कि परंपरागत खेती के साथ औद्यानिक फसलों के उत्पादन से किसानों को अधिक लाभ हो रहा है। उन्होंने विभागीय योजनाओं की भी जानकारी दी।

    प्रमुख सचिव कृषि रवींद्र ने बताया कि गेहूं, सरसों, चना, मसूर व गन्ने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था है। अब उर्द व अरहर को एमएसपी पर खरीदने की रुपरेखा बनाई जा रही है। उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने कृषि में कृषि के साथ पशुपालन पर जोर दिया और जैविक खाद का उपयोग बढ़ाने की बात कही।

    गोष्ठी के तकनीकी सत्र में वैज्ञानिकों द्वारा प्राकृतिक खेती व यंत्रों द्वारा खेती पर जानकारी दी गई। किसानों द्वारा भी अपने द्वारा किए गए जा रहे नवाचारों की जानकारी दी गई। उत्कृष्ट कार्य करने वाले लखनऊ मंडल के किसानों को सम्मानित भी किया गया।

    इस दौरान आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता योगेश कुमार, कृषि निदेशक डा. पंकज त्रिपाठी, आयुक्त लखनऊ मंडल विजय विश्वास पंत सहित कृषि, पशुपालन, मंडी, उद्यान आदि के अधिकारी उपस्थित रहे।