UP News: यूपी में कम से कम पांच लाख श्रद्धालु आएंगे तो ही घोषित होगा राजकीय मेला, नगर विकास विभाग ने जारी की एसओपी
लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार ने नगरीय निकायों में मेलों को राजकीय दर्जा देने के लिए नियम सख्त कर दिए हैं। अब कम से कम पांच लाख श्रद्धालुओं की उपस्थिति अनिवार्य होगी। नगर विकास विभाग ने नई एसओपी जारी की है जिसके तहत डीएम की अध्यक्षता वाली समिति प्रस्ताव भेजेगी। श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर 25 लाख से 1.5 करोड़ रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाएगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नगरीय निकायों में किसी आयोजन को राजकीय मेला घोषित कराने के लिए उसमें शामिल होने वाले श्रद्धालुओं-यात्रियाें की संख्या कम से कम पांच लाख होना अनिवार्य होगा।
आयोजन के धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व को भी परखा जाएगा। नगर विकास विभाग ने नगरीय निकायों में आयोजित होने वाले राजकीय मेलों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) निर्धारित कर दी है।
इसके तहत डीएम की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा प्रस्ताव भेजा जाएगा। आयोजनों के लिए श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर आर्थिक सहायता की सीमा भी निर्धारित कर दी गई है, जो 25 लाख रुपये से डेढ़ करोड़ रुपये तक रहेगी।
डीएम की अध्यक्षता में गठित मेला समिति अपने प्रस्ताव में मेला के धार्मिक, पौराणिक व ऐतिहासिक महत्व का विवरण, आयोजन की अवधि, मेला क्षेत्र की सीमा का नक्शा, मेला का स्वरूप अंतरराज्यीय है या अंतरराष्ट्रीय, अवस्थापना सुविधाओं की स्थिति और आयोजन समिति का विवरण देगी।
आयोजन की ऐतिहासिकता का प्रमाण प्रस्तुत करेगी, हिदायत दी गई है कि किसी नये स्थल पर मेले के आयोजन का प्रस्ताव न दिया जाए। मेले में प्रतिभाग करने वाले श्रद्धालुओं-पर्यटकों की औसत संख्या भी बतानी होगी, जो न्यूनतम पांच लाख होना अनिवार्य है।
आयोजन निकाय के स्वामित्व की भूमि अथवा राजकीय भूमि पर ही किया जाएगा। मेला समिति के प्रस्ताव का शासन स्तर पर परीक्षण होने के बाद मंत्रिपरिषद का अनुमोदन लेकर राजकीय मेला घोषित किए जाने की अधिसूचना जारी की जाएगी।
एसओपी के अनुसार मेला के लिए व्यय भार का वाहन कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व निधि व मेले की आय से किया जाएगा। वहीं राज्य सरकार के अन्य विभागों से संबंधित कार्य, उनके वित्तीय स्रोतों से कराया जाएगा। खर्च अधिक होने की स्थिति में डीएम की ओर से अतिरिक्त धनराशि की मांग का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
मेले में पांच से 10 लाख तक श्रद्धालुओं के प्रतिभाग करने पर सरकार की ओर से 25 लाख से 50 लाख रुपये तक, 10 लाख से ऊपर 20 लाख श्रद्धालुओं तक के प्रतिभाग करने पर 50 लाख से 75 लाख रुपये, 20 लाख से ऊपर 40 लाख श्रद्धालुओं तक के प्रतिभाग करने पर 75 लाख से एक करोड़ रुपये, 40 लाख के ऊपर 60 लाख श्रद्धालुओं तक के प्रतिभाग करने पर एक करोड़ से सवा करोड़ रुपये और 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के प्रतिभाग करने पर सवा से डेढ़ करोड़ रुपये की राशि सहायता-अनुदान के रूप में दी जाएगी। शासन प्रस्ताव के आधार पर सहायता राशि की स्वीकृति देगा।
खर्च का होगा थर्ड पार्टी निरीक्षण
आयोजन के लिए दी जाने वाली धनराशि से कराए जाने कार्यों का थर्ड पार्टी निरीक्षण कराया जाएगा। डीएम द्वारा इसके लिए एजेंसी नामित की जाएगी और निरीक्षण आख्या शासन को भेजी जाएगी।
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