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मृतक आश्रितों के ल‍िए यूपी सरकार का राहतभरा कदम, अब दूसरे विभागों में भी मिल सकेगी नौकरी

अनुकंपा के आधार पर नौकरी की बड़ी संख्या में बाट जोह रहे मृतक आश्रितों की समस्याओं को देखते हुए राज्य सरकार इस दिशा में विचार कर रही है। इस बाबत कार्मिक विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 07:48 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 11:21 AM (IST)
मृतक आश्रितों के ल‍िए यूपी सरकार का राहतभरा कदम, अब दूसरे विभागों में भी मिल सकेगी नौकरी
मूल विभागों में पद उपलब्ध न होने से आ रही समस्या। कई महकमों में बड़ी संख्या में खाली हैं पद।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। सेवाकाल के दौरान मृत राज्य कर्मचारियों के आश्रितों को अब दूसरे विभागों में भी नौकरी मिल सकेगी। अनुकंपा के आधार पर नौकरी की बड़ी संख्या में बाट जोह रहे मृतक आश्रितों की समस्याओं को देखते हुए राज्य सरकार इस दिशा में विचार कर रही है। इस बाबत कार्मिक विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है। सेवाकाल के दौरान राज्य कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर समूह घ या शैक्षिक अर्हता के आधार पर समूह ग की नौकरी देने का प्रावधान है। मृतक आश्रितों को नौकरी देेने में कई बार पदों की कमी आड़े आती है। पद खाली न होने के कारण अधिसंख्य पद सृजित करने पड़ते हैं। इसमें विभाग हीलाहवाली करते हैं।

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कोरोना काल के दौरान कोविड संक्रमण से बड़ी संख्या में राज्य कर्मचारियों की मृत्यु हुई है। उनके आश्रितों को नौकरी देने में दिक्कत आ रही है। कई विभागों में पद खाली नहीं है और बड़ी संख्या में अधिसंख्य पद भी सृजित किए जा चुके हैं। वहीं कई विभाग ऐसे हैं जिनमें बड़ी संख्या में पद खाली हैं। इसलिए सरकार इस पर विचार कर रही है कि यदि मृत राज्य कर्मचारी के मूल विभाग में पद खाली न हों तो उसके आश्रित को किसी अन्य विभाग में नौकरी दे दी जाए। कार्मिक विभाग की ओर से तैयार किये गए प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है।

कुटुंब की परिभाषा में विवाहित पुत्री को शामिल करने का प्रस्ताव : मृतक सेवा नियमावली में कुटुंब की परिभाषा में विवाहित पुत्री को भी शामिल करने का प्रस्ताव है। किसी राज्य कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर अभी तक उसकी विवाहित पुत्री को आश्रित नहीं माना जाता है। हाई कोर्ट ने एक मामले में विवाहित पुत्री को भी कुटुंब की परिभाषा में शामिल करने का आदेश दिया था। केंद्र सरकार ने भी विवाहित पुत्री को कुटुंब की परिभाषा में शामिल किया है। लिहाजा राज्य सरकार भी इस दिशा में कदम बढ़ाने जा रही है। कार्मिक विभाग के इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगवाने की कवायद जारी है।


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