नए साल में एनर्जी सेक्टर में होंगे 3 बड़े फैसले, UP में बिजली कंपनियों के निजीकरण पर होगा निर्णय, लाइट कनेक्शन सामग्री की दरें होंगी निर्धारित
नए वर्ष 2026 में बिजली क्षेत्र में तीन बड़े फैसले महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे। इसमें पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों का निजीकरण, नई का ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नए वर्ष में बिजली के क्षेत्र में तीन बड़े फैसले इस क्षेत्र में होने वाले बदलाव तय करेंगे। वर्ष 2026 में पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण, नई कास्ट डाटा बुक के जारी होने और मीरजापुर जिले में अदाणी पावर की फ्यूल गैस डीसल्फराइजेशन (एफजीडी) आधारित 1600 मेगावाट की बिजली उत्पादन इकाई पर निर्णय होना है।
इन तीनों मामले में विद्युत नियामक आयोग से शीघ्र निर्णय होना है। नई कास्ट डाटा बुक पर निर्णय आने से यह तय होगा कि बिजली कनेक्शन से संबंधित सामग्री के रेट क्या होंगे। पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों का निजीकरण होगा या नहीं, यह भी आयोग से तय होगा।
तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर रखी बात
इसके साथ ही मीरजापुर में अदाणी पावर के 1600 मेगावाट क्षमता के पावर प्लांट स्थापित किए जाने पर भी आयोग को फैसला करना है। एफजीडी प्रदूषण नियंत्रण की एक तकनीक है।राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा है कि विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने इन तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी थी।
इससे स्पष्ट है कि नया वर्ष ऊर्जा के क्षेत्र बड़े बदलाव लाएगा। मंत्री ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर के बारे में कहा था कि नियामक आयोग नए कनेक्शन के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर की दरें कम या अधिक तय करेगा तो उसके अनुसार उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में अंतर का समायोजन किया जाएगा।
निर्णय आने पर सिंगल फेज स्मार्ट प्रीपेड मीटर की लागत जो अभी 6016 रुपये ली जा रही है, उसके 2800 रुपये हो जाने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा था कि प्रदेश में बिजली कंपनियों के निजीकरण पर अभी सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है। इस पर भी नियामक आयोग से निर्णय होना है।

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